नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में कांग्रेस की करारी हार के बाद हर तरफ विरोध के सुर गूंजने लगे हैं और पार्टी के नेताओं के इस्तीफे का दौर शुरू हो चुका है. ऐसे में गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ के संदेश को सही से न पढ़ पाने के बाद चर्चा में आईं मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने भी प्रदेश के मुखिया कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और 'महाराज' मतलब ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश की कमान सौंपने की बात कह रही हैं. 


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कमलनाथ कैबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे की मंत्री इमरती देवी ने ग्वालियर में यह मांग उठाते हुए कहा है कि 'अब समय आ गया है कि प्रदेश की कमान 'महाराज' (ज्योतिरादित्य सिंधिया) को सौंप दी जानी चाहिए. मैं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी के सामने भी यह मांग रखूंगी कि वह मध्य प्रदेश की कमान अब सिंधिया जी को सौंप दें.' उन्होंने आगे कहा कि 'कांग्रेस की हार के बाद मैं महाराज यानि ज्योतिरादित्य सिंधिया से नजरें नहीं मिला पा रही हूं और न ही उनसे बात करने की हिम्मत जुटा पा रही हूं.' 



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वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार के बाद इमरती देवी ने ईवीएम पर भी सवाल उठाए हैं और इसके साथ छेड़खानी की बात कही है. इमरती देवी की मानें तो गुना-शिवपुरी में ज्योतिरादित्य सिंधिया का हारना नाममुकिन है. ऐसा हो ही नहीं सकता की क्षेत्र की जनता महाराज को नकार दे. इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ ईवीएम है. हालांकि, यह बात और है कि ग्वालियर में खुद उनपर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव प्रचार में सहयोग नहीं किया.



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बता दें इमरती देवी सिंधिया खेमे की मंत्री मानी जाती हैं और समय-समय पर वह सिंधिया का समर्थन करती नजर आ ही जाती हैं. वहीं गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ का संदेश पत्र नहीं पढ़ पाने के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी की काफी आलोचना हुई थी. जिसके बाद इमरती देवी के बचाव में खुद सिंधिया उतर आए थे और इमरती देवी के संदेश न पढ़ पाने के पीछे उनकी तबीयत का खराब होना बताया था.