शिमला: लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं. एक दिन पहले अरकी के विधायक वीरभद्र सिंह ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि बेहतर परिणाम के लिए सुक्खू को पहले ही हटा देना चाहिए था. इस पर पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नदाउं से विधायक ने कहा, ‘‘राजनीतिक मकसद के लिए दूसरों पर दोषारोपण का यह वक्त नहीं है. ’’ शुक्रवार को यहां जारी बयान में सुक्खू ने वीरभद्र का नाम लिए बिना कहा, ‘‘शीशे के घरों में रहने वाले दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते.’’


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उन्होंने चुनाव के दौरान कार्य के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘चुनाव के परिणाम से निराश होने की जरूरत नहीं है. हमें परिणाम से सीख लेनी चाहिए . समय बदलता है. हार के बाद जीत मिलती है.’ वीरभद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को मीडिया से कहा था कि लंबे समय से संगठन के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था.


उन्होंने कहा था, ‘‘अगर प्रधान को पहले बदल दिया जाता और अच्छे लोगों को संगठन में शामिल कर लिया जाता तो इस कदर पार्टी की हार नहीं होती.’’ चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के एक महीने पहले कुलदीप सिंह राठौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए थे.