गुजरातः 2019 की जंग में `चाणक्य` को `योद्धा` बनाने की तैयारी में कांग्रेस
अहमद पटेल भरूच लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे हैं. पटेल1977,1980 और 1985 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस से सांसद रहे हैं.
अहमदाबादः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में कांग्रेस के थिंक टैंक माने जाने वाले वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भी मैदान में उतर सकते हैं. ऐसी खबर है कि सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव रहे अहमद पटेल को इस बार कांग्रेस पार्टी चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. सूत्रों की माने तो कांग्रेस पार्टी अहमद पटेल को भरूच से चुनावी लड़ा सकती है. हालांकि अभी अहमद पटेल ने इसकी सहमति नहीं दी है, लेकिन गुजरात कांग्रेस पार्टी चाहती है कि अहमद पटेल इस बार लोकसभा चुनाव में उतरे. राज्य कांग्रेस की इस मांग पर अहमद पटेल गंभीरता से विचार कर रहे हैं.
बता दें कि अहमद पटेल भरूच लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे हैं. पटेल1977,1980 और 1985 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस से सांसद रहे हैं. साल1989 में राम मंदिर मुद्दे के चलते 21 हज़ार वोटों से हार गए थे. तब से आज तक भरूच लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी जीत नहीं पाई है. फिलहाल अहमद पटेल राज्यसभा सांसद हैं. अहमद पटेल फिलहाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं.
आपको बता दें कि पिछले साल ही अहमद पटेल गुजरात से राज्यसभा सांसद चुने गए थे. भरूच लोकसभा सीट से साल 1989 से 1998 तक बीजेपी के चंदूभाई देशमुख और साल 1998(उपचुनाव) से 2014 तक मनसुख लाल वसवा सांसद रहे हैं. गुजरात में पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी के खासी टक्कर दी थी. इस बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी गांधीनगर लोकसभा सीट से पर्चा दाखिल पहली बार लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे है. अमित शाह बीजेपी के और अहमद पटेल कांग्रेस के चाणक्य माने जाते हैं. अहमद पटेल के भरूच सीट से चुनाव लड़ने से गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले की आशंका जताई जा रही है.
पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे अमित शाह ने गांधीनगर सीट से पर्चा भरा
पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को गुजरात में गांधीनगर सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस सीट का प्रतिनिधित्व फिलहाल पार्टी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी कर रहे हैं, जो इस निर्वाचन क्षेत्र में 1998 से लगातार निर्वाचित हुए हैं.
शाह ने बाद में एक रैली में कहा कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में एक ऐसा नेता देखा, जिनका वह पिछले 70 बरसों से इंतजार कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने एक रोड शो किया और रैली को भी संबोधित किया. बीजेपी के दो पूर्व अध्यक्षों -- राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी--, पार्टी के सहयोगी दल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, शिअद सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल और लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान शाह के साथ मंच पर मौजूद थे. इस घटनाक्रम को उनकी राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन और उन्हें पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दूसरे सबसे ताकतवर नेता के रूप में देखा जा रहा है.
शाह ने शनिवार को नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले यहां एक बड़ा रोड शो भी किया. चार किलोमीटर लंबे इस रोड शो के दौरान लाखों लोगों ने शाह का अभिनंदन किया. वह एक खुले वाहन में सवार थे. उनके साथ केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल और अन्य स्थानीय नेता भी थे. इसके बाद शाह गांधीनगर गए और गांधीनगर जिला कलेक्टर एस. के. लांगा को नामांकन पत्र सौंपा. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली के अलावा सिंह, ठाकरे और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी थे. बीजेपी अध्यक्ष ने रोड शो से पहले एक जनसभा में कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव केवल इस मुद्दे पर लड़ा जाएगा कि चुनाव के बाद देश का नेतृत्व कौन करेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव केवल इस मुद्दे पर लड़ा जाएगा कि कौन देश का नेतृत्व करेगा. मैंने हिमाचल से लेकर कन्याकुमारी और कामरूप से लेकर गांधीनगर तक लोगों से यह सवाल पूछा तो मुझे केवल एक आवाज सुनाई दी - मोदी, मोदी मोदी.’’ शाह ने कहा, ‘‘देश में अलग-अलग स्थानों पर अपने दौरे के दौरान मैंने पाया कि लोग देश का नेतृत्व करने के लिए केवल मोदी का नाम पुकार रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि मोदी सिर्फ पांच साल में समूचे देश के चहेते कैसे बन गए? ऐसा इसलिए है कि नरेंद्र मोदी में लोगों ने ऐसा नेता पाया, जिनका वे पिछले 70 वर्षों से इंतजार कर रहे थे.उन्होंने दावा किया कि सिर्फ मोदी, बीजेपी और राजग सरकार ही देश की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती
राज्यसभा सदस्य शाह ने कहा कि बीजेपी उनकी जिंदगी है. उन्होंने 1982 में पार्टी का एक कार्यकर्ता रहने से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने तक के सफर को याद किया. बीजेपी प्रमुख ने कहा, ‘‘ मेरा ‘‘सौभाग्य’’ है कि बीजेपी ने मुझे गांधीनगर सीट से उम्मीदवार बनाया, जिसका प्रतिनिधित्व लालकृष्ण आडवाणी, अटलजी और पुरुषोत्तम गणेश मावलंकर कर चुके हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं विनम्रता और तहेदिल से आडवाणीजी की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश करूंगा.’’ शाह बतौर विधायक सारखेज विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. परिसीमन के बाद वह नारनपुरा से विधायक थे. ये दोनों सीटें गांधीनगर लोकसभा सीट के तहत आती हैं.
हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि शनिवार के कार्यक्रमों में आडवाणी की गैर मौजूदगी से यह संकेत मिलता है कि वह इन घटनाक्रमों से खुश नहीं रहे होंगे. लेकिन शाह ने इस बात का भी जिक्र किया कि शाह के 2014 में पार्टी प्रमुख का प्रभार संभालने के बाद से पार्टी में उनका कद बढ़ता गया है.रैली में राजनाथ ने कहा कि यदि पाकिस्तान से बांग्लादेश को मुक्त कराने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को दिया जाता है तो प्रधानमंत्री मोदी को बालाकोट हवाई हमले का श्रेय क्यों नहीं दिया जाना चाहिए. बादल और पासवान ने भी मोदी की सराहना की.
वहीं, ठाकरे ने कहा कि दोनों भगवा दलों के बीच मतभेद दूर हो गए हैं. गडकरी ने कहा कि पिछले पांच साल में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो कुछ हुआ वह पिछले 50 बरसों में नहीं हुआ था. जेटली ने कहा कि गांधीनगर बीजेपी के लिए एक अहम सीट है और यही कारण है कि शाह को उम्मीदवार बनाया गया है. प्रदेश बीजेपी का मानना है कि लोकसभा चुनाव लड़ने के शाह के फैसले से गुजरात में पार्टी में उत्साह बढ़ेगा और उसे राज्य में सभी 26 लोकसभा सीटों पर जीत में मदद मिलेगी.
(इनपुट भाषा से भी)