नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) अपने अंतिम दौर में है और 23 मई को चुनावी नतीजों के साथ तय हो जाएगा कि देश में किसी सरकार बनेगी. इन सबके बीच पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी लोकसभा सीट चर्चा का विषय बनी हुई है. वाराणसी लोकसभा सीट के अंतर्गत रोहनिया, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट और सेवापुरी विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी और एक विधानसभा सीट पर एनडीए के सहयोगी क्षत्रप अनुप्रिया पटेल गुट के अपना दल (सोनेलाल) का कब्जा है. 


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2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद अब तक वाराणसी के लिए करीब 315 परियोजनाएं स्वीकृत हुईं हैं, जिनमें से लगभग 279 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं. मतदान से पहले इस सीट पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं. हालांकि, प्रियंका गांधी ने वाराणसी से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. इसके पीछे प्रियंका ने एक ही सीट पर केंद्रित हो जाने का कारण बताया. कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी के सामने वाराणसी लोकसभा सीट से अजय राय को प्रत्याशी घोषित किया है. 


2014 में ये रहा था जनादेश
2014 में हुए आम चुनाव में वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को 3,71,784 वोटों के अंतर से हराया था. पीएम मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर रहे अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 वोट मिले थे. वहीं, 75,614 वोटों के साथ कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय तीसरे स्थान पर रहे थे. इस चुनाव में अजय राय अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे.


 



समझिए पूरा चुनावी गणित
वाराणसी लोकसभा सीट पर अबतक 15 बार चुनाव हुए हैं. इस सीट पर 6 बार कांग्रेस और 6 बार बीजेपी को जीत हासिल हुई है. वाराणसी लोकसभा सीट जनता दल, सीपीएम, बीएलडी के खाते में एक-एक बार गई है. वाराणसी लोकसभा सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 17,66,487 है. इनमें से 9,85,395 पुरुष मतदाता और 7,81,000 महिला मतदाता हैं. वाराणसी संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होगा.


ऐसा रहा है इस सीट का सियासी इतिहास
वाराणसी लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो, यहां 1991 से लगातार आम चुनावों में भाजपा को जीत मिलती आ रही है. हालांकि, 2004 में इस सीट पर कांग्रेस के डॉ॰ राजेश कुमार मिश्रा को जीत मिली थी. 1991 से पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. बीजेपी प्रत्याशियों की बात करें तो, यहां से एक बार शिरीष चंद्र दीक्षित, तीन बार शंकर प्रसाद जायसवाल, एक बार डॉ. मुरली मनोहर जोशी और पिछले चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी ने जीत दर्ज की थी.