बेटे को टिकट नहीं मिलने पर बीजेडी सांसद ने दिया इस्तीफा, अब थामेंगे बीजेपी का दामन
लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के समर में बीजेपी ओडिशा में बीजेडी को कई और झटके दे चुकी है. पिछले दो दशक से राज्य की राजनीति की बागडोर थामे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के कई भरोसेमंद साथी उनका साथ छोड़कर बीजेपी के खेमे में चले गए हैं.
भुवनेश्वर: ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजेडी) के एक मौजूदा सांसद ने आगामी लोकसभा चुनाव में बेटे को टिकट नहीं दिए जाने पर शनिवार को इस्तीफा दे दिया. बीजेडी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लिखे अपने इस्तीफे में भद्रक से सांसद अर्जुन चरण सेठी ने पार्टी के जिला प्रमुख पद से भी इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पत्र में कहा है, "मैं जनता दल और बीजद से बतौर सांसद छह बार व दो बार विधायक के रूप में निर्वाचित हुआ. मैंने जिले में बीजद को मजबूत करने में मदद करने को लेकर चुनौतियों से कभी हार नहीं मानी."
उन्होंने कहा, "बीते कुछ महीनों में मैं आपसे बार-बार मिला और मुझे आश्वासन दिया गया कि मेरी बढ़ती उम्र के कारण भद्रक से मेरा बेटा चुनाव लड़ेगा, लेकिन दुर्भाग्यवश उसका नाम उम्मीदवारों की अंतिम सूची से हटा दिया गया." सेठी ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने के लिए वह भुवनेश्वर में नवीन निवास भी गए, लेकिन उन्हें नहीं मिलने दिया गया.
उन्होंने कहा, "बीजद और आपने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी में मेरी जरूरत नहीं है." पार्टी ने धामनगर से मौजूदा विधायक मुक्तिकांता मंडल की पत्नी मंजूलता मंडल को भद्रक संसदीय क्षेत्र से टिकट दिया है.
दूसरे बड़े नेता भी जा चुके हैं बीजेपी के पाले में
लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) से पहले बीजेडी को कई और झटके लग चुके हैं. पिछले दो दशक से राज्य की राजनीति की बागडोर थामे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के कई भरोसेमंद साथी उनका साथ छोड़कर बीजेपी के खेमे में चले गए हैं. इनमें सांसद जयंत पांडा का भी नाम है. तमाम सर्वे में भी दावा किया गया है कि इस बार ओडिशा में मुख्य लड़ाई बीजेपी और बीजेडी के बीच में ही है. कांग्रेस यहां पर बिना किसी बड़े चेहरे के मैदान में है. ओडिशा में लोकसभा की 21 सीटें हैं. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने यहां पर सिर्फ एक सीट सुंदरगढ़ जीती थी. इसमें जुएल ओरांव ने बीजेडी के उम्मीदवार दिलीप टिर्की को हराया था.