पटना : लोकसभा सीट के रूप में पाटलिपुत्र का जन्म 2008 के परिसीमन के दौरान हुआ था. इस सीट के लिए हुई पहली जंग बिहार की राजनीति के महारथी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के रंजन प्रसाद यादव के बीच हुई. रंजन प्रसाद यादव ने लालू प्रसाद यादव को 23 हजार से ज्यादा वोटों से हराकर बड़ा उलटफेर किया.


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साल 2014 के चुनाव में यहां से लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती को बीजेपी नेता रामकृपाल यादव के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी. दरअसल रामकृपाल यादव पहले लालू के करीबी माने जाते थे, लेकिन जब उनकी जगह मीसा भारती को आरजेडी ने टिकट दिया तो वे बागी हो गए. इसके बाद बीजेपी की टिकट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच गए. अब एक बार फिर से पाटलिपुत्र के लिए चाचा और भतीजी के बीच मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है.



पाटलिपुत्र लोकसभा में विधानसभा की 6 सीटें हैं. दानापुर सीट पर बीजेपी और फुलवारी शरीफ सीट पर जेडीयू का कब्जा है. जबकि मनेर, मसौढ़ी और पालीगंज सीट आरजेडी के पास है. वहीं, बिक्रम सीट कांग्रेस के हिस्से में है.


2014 के लोकसभा चुनाव में रामकृपाल यादव को तीन लाख 83 हजार और मीसा भारती को तीन लाख 42 हजार वोट मिले. वहीं, जेडीयू के रंजन प्रसाद यादव को 97 हजार वोट से संतोष करना पड़ा था. इस चुनाव में एकबार फिर दोनों के बीच ही मुकाबला है.