चेवेल्ला: चेवेल्ला लोकसभा क्षेत्र के तांगेड़ापल्ली मंडल में कांग्रेस के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी को सुनने आए लोगों ने कहा कि वह राज्य के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं जिन्हें पैसा कमाने के लिए सत्ता की जरूरत नहीं है. कड़ी धूप में रैली में लोगों के एकत्रित होने के क्रम में रेड्डी साधारण पोशाक एवं चप्पल में अपनी इनोवा कार से उतरे. उनकी संपत्ति करीब 223 करोड़ रुपये की है. इंजीनियर से उद्यमी बने विश्वेश्वर रेड्डी सी प्रताप रेड्डी के दामाद हैं जो अपोलो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक एवं प्रमुख हैं. जनसभा वाले स्थान पर उनके पहुंचने के बाद जैसे ही कांग्रेस कार्यकर्ता ने कार्यक्रम शुरू करने के लिए माइक उठाया, बिजली चली गई. 


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पुडुर मंडल के पूर्व सरपंच शकील अहमद ने दावा किया, ''बिजली गुल होती थी लेकिन रेड्डी के प्रचार स्थलों पर यह पिछले कुछ दिनों से हो रहा है.'' उन्होंने टीआरएस सरकार पर रेड्डी के लिए मुश्किलें बढ़ाने का आरोप लगाया. रेड्डी 2014 में टीआरएस की टिकट पर जीते थे लेकिन पार्टी छोड़ने के बाद अब वह टीआरएस के जी रंजीत रेड्डी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. विश्वेश्वर रेड्डी आंध्र प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री कोंडा वेंकटा रंगा रेड्डी के पोते हैं. रंगा रेड्डी नाम जिला कांग्रेस के इन्हीं नेता के नाम पर पड़ा था जिसे पूर्व में हैदराबाद ग्रामीण के नाम से जाना जाता था.


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विश्वेश्वर रेड्डी का काफिला गांवों से होकर गुजरा और उन्होंने तेलंगाना में जाति की राजनीति बढ़ने की बात कही. उन्होंने तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और टीआरएस सुप्रीमो एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नायडू ने पिछड़ी जातियों को यादवों, गौड़ एवं कापू में बांटा वहीं राव इससे आगे जाते हुए उन समुदायों तक पहुंचे जिनकी आबादी एक से दो प्रतिशत है. विश्वेश्वर रेड्डी ने कहा कि यह तेलंगाना के ताने-बाने एवं राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है. 


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उन्होंने बाहर से खरीदी गई भेड़ एवं बकरियों के बारे में कहा, ''आपको पता है टीआरएस के शासन में तेलंगाना की बिरयानी का स्वाद अलग क्यों है? हमारी बिरयानी अच्छी होती थी क्योंकि वह एक खास किस्म की भेड़ की होती थी.'' रेड्डी ने राव की चरवाहा समुदाय के लिए बनाई गई योजना के बारे में कहा कि राव ने भेड़ की कमी के चलते उनको बकरियां बांटी. साथ ही उन्होंने कहा कि विभिन्न समुदायों के लिए बनाई गई केसीआर की योजनाएं लोकसभा चुनाव में कोई नतीजे नहीं देंगी. (इनपुटः भाषा)