Jobs in Germany: पहले विदेश जाना और वहां रहना कुछ ही लोगों के बस की बात होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. आजकल ज्यादातर लोग अब्रॉड जाकर पढ़ाई और नौकरी करने की ख्वाहिश रखते हैं. इंडिया में सबसे ज्यादा आईटी प्रोफेशनल्स इस मौके कि तलाश में रहते हैं कि कब उन्हें विदेशों से नौकरी का ऑफर मिले और वे वहां जाकर बेहतरीन सैलरी पैकेज पर जॉब हासिल करें, लेकिन कभी-कभी बात वर्क वीजा पर आकर अटक जाती है, क्योंकि इसे पाना इतना आसान नहीं है.


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ऐसे में आज हम इंडियन आईटी प्रोफेशनल्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आए हैं. दरअसल, जर्मनी को इंडियन आईटी प्रोफेशनल्स की बहुत ज्यादा जरूरत है. इसी के चलते जर्मनी की सरकार ने भारतीयों के लिए वीजा प्रोसेस को आसान करने का फैसला लिया है. यह बात जर्मनी के चांसलर ने कही है. 


जर्मन भाषा
इस खबर को पढ़कर आपके मन में भी सवाल तो उठा ही होगा कि जर्मनी जाकर काम करना हो तो वहां की लैंग्वेज पर पकड़ होना जरूरी है? तो आपको बता दें कि अब फिकर करने वाली कोई बात नहीं है, क्योंकि इस बारे में जर्मनी के चांसलर का कहना है, "भाषा से कोई समस्या नहीं है, ज्यादातर लोग जो जर्मनी काम करने आते हैं. वे इंग्लिश ही बोलते हैं. हालांकि, धीरे-धीरे यहां रहते हुए वे जर्मन भाषा को अपना लेते हैं." ऐसे में जो आईटी प्रोफेशनल्स यह सोच रहे हैं कि उन्हें जर्मन भाषा नहीं आती, तो वे वहां काम करने जा सकते हैं या नही, तो अब उनकी यह शंका भी अब दूर हो गई है.


जानिए जर्मनी में मिलती है कितनी सैलरी
जानकारी के मुताबिक देश में आईआईटी से इंजीनियरिंग करने वाले ज्यादातर सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स यूरोपीय देशों में जाकर नौकरी करने की ख्वाहिश रखते हैं. वहीं मिलने वाली एक बेहतरीन जॉब और आकर्षक सैलरी इसके पीछे सबसे बड़ा कारण होती है.


यूरोपियन कंट्री की कंपनियों की ओर से भारतीय स्टूडेंट्स को दिया जाने वाला पैकेज भारत की अपेक्षा कई ज्यादा आकर्षक होता है. बता दें कि  जर्मनी की कंपनियां इंडियन आईटी प्रोफेशनल को भारतीय कंपनियों के मुकाबले कई गुना ज्यादा सैलरी देती हैं. 


लोगों की मानसिकता भी करती है प्रभावित
भारतीय समाज भले ही आधुनिक हो गया हो, लेकिन आज भी लोगों की मानसिकता है कि अगर वे विदेशों में जाकर नौकरी करते हैं तो उनके रिश्तेदारों से उन्हें एक अलग दर्जा मिलेगा और समाज में भी ज्यादा इज्जत मिलेगी.