Success Story: गहना नव्या को IFS चाचा से मिली प्रेरणा, एक छोटी अच्छी आदत UPSC क्रैक करने में बनी मददगार
UPSC Topper Success Story: केरल की यूपीएससी एस्पिरेंट गहना नव्या ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में ऑल इंडिया 6वीं रैंक हासिल की करके अपना बचपन का सपना पूरा किया. पढ़िए उनकी प्रेरणादायक कहानी
UPSC Topper Success Story: संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में हर साल लाखों एस्पिरेंट्स अपना अथक परिश्रम और किस्मत आजमाते हैं. इसमें किसी को जल्दी और किसी को देर से सफलता मिलती है. मई 2023 को यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नतीजों का ऐलान किया था. यूपीएससी सीएसई 2022 में ऑल इंडिया 6वीं रैंक पर मलयाली लड़की गहना नव्या जेम्स ने अपना दबदबा कायम किया था. आज सफलता की कहानी में पढ़िए गहना की प्रेरणादायक कहानी...
शुरू से पढ़ाई में रही हैं अव्वल
कोट्टायम जिले के पाला गहना नव्या जेम्स ने बचपन से ही टैलेंटेड स्टूडेंट रही हैं. उन्होंने कक्षा 10वीं तक चावरा पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की. इसके बाद 12वीं की पढ़ाई सेंट मैरी स्कूल से हुई. नव्या ने पाला के अल्फोंसा कॉलेज से इतिहास में बैचलर्स डिग्री हासिल की. इसके बाद जेम्स ने सेंट थॉमस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में एमए में किया है. उन्होंने बैचलर और मास्टर्स दोनों में फर्स्ट पोजिशन प्राप्त की थी. इसके बाद गहना ने यूजीसी नेट परीक्षा में जूनियर रिसर्च फेलोशिप भी हासिल की थी.
शुरू से पढ़ाई में रही हैं अव्वल
गहना नव्या ने बगैर कोचिंग जॉइन किए ही अपनी यूपीएससी सीएसई की तैयारी की और 2022 में यूपीएससी का एग्जाम देकर उसे भी क्रैक कर लिया. उनके पिता सीके जेम्स थॉमस रिटायर्ट कॉलेज प्रोफेसर हैं. जबकि, जापान में भारतीय राजदूत आईएफएस ऑफिसर सिबी जॉर्ज उनके चाचा हैं. जेम्स का कहना है कि चाचा उनके लिए सबसे पहले और सबसे बड़े प्रेरणास्रोत थे और उनका छोटा भाई हमेशा उन्हें अपने सपने को पूरा करने के लिए मोटिवेट करता रहा.
न्यूज पेपर पढ़ना रहा फायदेमंद
जानकारी के मुताबिक गहना ने अखबारों और इंटरनेट के जरिए पढ़कर दूसरे अटैम्प्ट में सफलता हासिल कर ली. बकौल गहना, " मैं हमेशा से ही सेल्फ स्टडी में विश्वास रखती हूं, इसलिए यूपीएससी के लिए भी किसी कोचिंग सेंटर नहीं गई." जेम्स बताती हैं कि बचपन से ही रोजाना अखबार पढ़ती आ रही है. उनकी इस छोटी सी, लेकिन अच्छी आदत उनके लिए यूपीएससी की परीक्षा क्रैक करने में बहुत मददगार साबित हुई.
मीडिया को दिए अपने एक इंटरव्यू में जेम्स ने कहा, "सिविल सेवक बनना मेरा बचपन का सपना था. मुझे सफलता की पूरी उम्मीद थी, लेकिन कभी ये नहीं सोचा था कि ऑल इंडिया 6वीं रैंक हासिल करूंगी."