नई दिल्ली : एक माह से अधिक चलने वाला संसद सत्र कल से शुरू हो रहा है जिसमें महंगाई का मुद्दा प्रमुखता से छाया रह सकता है। इस सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार अपना पहला बजट पेश करेगी।


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सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों के पास मुद्दों की कमी नहीं है। इनमें उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर पूर्व सॉलिसीटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम का नाम ठुकराये जाने को लेकर उठा विवाद, केंद्रीय मंत्री निहालचंद पर बलात्कार के आरोप से उठा विवाद तथा देश में महिलाओं के खिलाफ ज्यादती के बढ़ते मामले शामिल हैं।


समझा जाता है कि पहले दिन की बैठक में, इराक में भारतीयों की स्थिति पर संसद के दोनों सदनों में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ओर से बयान दिया जाएगा। रेल बजट 8 अगस्त को पेश किया जाएगा। इसके अगले दिन आर्थिक सर्वे होगा। 10 जुलाई को वर्ष 2014-15 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा।


मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को 543 सदस्यीय लोकसभा में केवल 44 सीटें मिली हैं। ऐसे में अगर उसे विपक्ष के नेता का पद न दिया जाए तो इस मुद्दे पर सत्र में कांग्रेस और सरकार के बीच टकराव हो सकता है।


संसद का यह सत्र 14 अगस्त को समाप्त होगा। इस सत्र में विभिन्न दलों के नेता महंगाई, रेल भाड़े में वृद्धि और संघीय ढांचे जैसे मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं। सत्र के दौरान 28 बैठकें होंगी जिसमें कामकाम के लिए 168 घंटे का समय तय है। विभिन्न मंत्रालयों की स्थायी समितियों का गठन किया जाना है इसलिए मंत्रालयों की अनुपूरक मांगों को समिति के बजाय संसद में बहस के बाद 31 जुलाई तक दोनों सदनों की अनुमति दे दी जाएगी।


संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए विपक्ष से सहयोग की अपील की है कि संसद का शिष्टाचार और मर्यादा बनी रहे।


सरकार का इरादा भारतीय दूरसंचार नियमन प्राधिकरण (संशोधन) अध्यादेश 2014 तथा आंध्रप्रदेश पुनर्गठन (संशोधन) अध्यादेश, 2014 के तहत पोलावरम परियोजना संबंधित अध्यादेश की जगह विधेयक लाने का भी है।


ट्राई (संशोधन) अध्यादेश को 28 मई को मंजूरी दी गई थी ताकि सरकार नृपेन्द्र मिसरा को प्रधानमंत्री का प्रमुख सचिव नियुक्त कर सके। आंध्रप्रदेश अध्यादेश 2 जून को राज्य के आधिकारिक विभाजन से पहले, 29 मई को जारी किया गया था। वाणिज्य मंत्रालय ‘नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ डिजाइन’ पर एक विधेयक लाएगा। सरकार की योजना विभिन्न लंबित विधेयकों की समीक्षा करने और विपक्ष के साथ विचारविमर्श कर उन्हें संसद में पेश करने की है।


तृणमूल कांग्रेस और उसकी प्रतिद्वन्द्वी वाम पार्टियों ने पहले ही मांग कर दी है कि रेल बजट और आम बजट पेश करने के बाद चर्चा के लिए महंगाई पहला मुद्दा होना चाहिए। माकपा नेता पी करूणाकरन ने तेल की कीमतों में वृद्धि तथा महिलाओं के खिलाफ ज्यादतियों के मुद्दों पर चर्चा की वकालत की है। वाम दल चाहते हैं कि इस सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया जाए। वाम दल किसानों से जुड़े मुद्दों पर भी व्यापक चर्चा चाहते हैं।