मुंबई : आधुनिक क्रिकेट प्रशंसक भले ही सचिन तेंदुलकर को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने लेकिन पूर्व टेस्ट आलराउंडर बापू नाडकर्णी के मुताबिक पिछली पीढ़ी या उससे भी अधिक उम्र के प्रशंसकों की नजर में सुनील गावस्कर भी बल्लेबाज के रूप में किसी से कम नहीं हैं।


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गावस्कर के 65वें जन्मदिन के मौके पर गुरुवार शाम यहां आयोजित समारोह के दौरान लीजेंड्स क्लब में नाडकर्णी ने कहा, ‘अब भले ही तेंदुलकर को सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज कहा जाए लेकिन तब गावस्कर थे। क्रिकेट के कौशल में गावस्कर स्ट्रोक खेलने वाले खिलाड़ी के रूप में तेंदुलकर, यहां तक कि डान ब्रैडमैन जितने अच्छे हैं।’ पूर्व दिग्गज भारतीय 81 वर्षीय नाडकर्णी ने याद किया कि अपने पूरे क्रिकेट करियर के दौरान गावस्कर ने बिना हेलमेट के बल्लेबाजी की।


वर्ष 1955 से 1968 के बीच 41 टेस्ट में 1414 रन बनाने वाले और 88 विकेट चटकाने वाले नाडकर्णी ने कहा, ‘इस्तेमाल करने के लिए हेलमेट उपलब्ध होने के बावजूद उन्होंने बल्लेबाजी के दौरान हेलमेट का इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया।’ नाडकर्णी ने टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन पूरे करने वाला पहला बल्लेबाज बनने के लिए भी गावस्कर की सराहना की।


गावस्कर के बचपन के मित्र और मुंबई टीम के साथी मिलिंग रेगे ने कहा कि जब वह दोनों बड़े हो रहे थे तो उन्हें कभी पता ही नहीं चला कि उनके साथी में कब रनों की भूख बढ़ गई और वह महान बल्लेबाज बन गया। दोनों खिलाड़ियों में लंबा होने के कारण स्कूल में गावस्कर के कप्तान रहे रेगे ने कहा, ‘हम स्कूल (सेंट जेवियर) में एक ही बेंच पर बैठा करते थे। हमने स्कूल क्रिकेट और कालेज क्रिकेट साथ खेला। उसने स्कूल क्रिकेट में काफी रन नहीं बनाए या फिर कालेज क्रिकेट में। लेकिन जब उसने अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट खेलना शुरू किया तो अचानक उसकी रनों की भूख बढ़ गई।’ उन्होंने कहा, ‘उस समय अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट किसी भी क्रिकेटर के लिए काफी महत्वपूर्ण हुआ करता था।’