ज़ी मीडिया ब्यूरो


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इंचियोन: एमसी मैरीकोम बुधवार को एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाजी बनी जब उन्होंने फ्लावेट (51 किग्रा) फाइनल में आज यहां पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए कजाखस्तान की झाइना शेकेरबेकोवा को हराया।


आज चुनौती पेश करने वाली एकमात्र भारतीय मुक्केबाज मैरीकोम ने कड़े मुकाबले में शेकेरबेकोवा को 2-0 से हराया। कजाखस्तान की मुक्केबाज ने अच्छी शुरूआत की थी लेकिन पांच बार की विश्व चैम्पियन और ओलंपिक कांसय पदक विजेता मैरीकोम वापसी करते हुए जीत दर्ज करने में सफल रही। इससे पहले उन्होंने 2010 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था जब महिला मुक्केबाजी ने इन खेलों में पदार्पण किया था।


शुरूआत में मैरीकोम पीछे हटकर खेली और उन्होंने शेकेरबेकोवा को आक्रमण करने के लिए आमंत्रित किया। कजाखस्तान की मुक्केबाजी हालांकि उनकी चाल में नहीं फंसी और पहले दो मिनट में दबदबा बनाने में सफल रही। मैरीकोम ने हालांकि हार नहीं मानी और अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए दूसरे दौर में आक्रामक रूख अपनाया। उन्होंने हुक और अपर कट का शानदार मिश्रण करते हुए कजाखस्तान की मुक्केबाज को हैरान किया और भारतीय मुक्केबाज दूसरा दौर जीतने में सफल रही। तीन बच्चों की मां मणिपुर की मैरीकोम तीसरे दौर में पूरी तरह वाली रही और उन्होंने विरोधी खिलाड़ी का कोई मौका नहीं दिया।


शेकेरबेकोवा के पास मैरीकोम की बदली रणनीति का कोई जवाब नहीं था और वह बार बार भारतीय मुक्केबाजी को पकड़ रही थी जिसके लिए उन्हें चेतावनी भी दी गई।