Share Market Tips: अगर आपने भी अडानी ग्रुप की कंपन‍ियों के शेयर में न‍िवेश कर रहा है तो यह खबर आपके ल‍िए है. बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज (BSE) अडानी ग्रुप की चार कंपनियों के शेयर की सर्किट लिमिट में बदलाव क‍िया है. बीएसई की तरफ से अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी विल्मर लिमिटेड की सर्किट लिमिट को 5% से बढ़ाकर 10% कर दिया गया है. वहीं, अडानी पावर की सर्किट लिमिट पहले 5% थी, ज‍िसे बढ़ाकर अब 20% कर द‍िया गया है.


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1000 रुपये पर पहुंचा अडानी ग्रीन का शेयर


आपको बता दें मंगलवार को बंद हुए कारोबारी सत्र में अडानी विल्मर और अडानी ट्रांसमिशन के शेयर में ग‍िरावट देखी गई. अडानी ग्रीन एनर्जी का शेयर 0.71% की तेजी के साथ 999.90 रुपये पर पहुंच गया. अडानी पावर का शेयर 8.80 (3.35%) रुपये की तेजी के साथ 271.80 रुपये पर पहुंच गया. इससे पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बीएसई (BSE) ने अडानी एंटरप्राइजेज की स‍िक्‍योर‍िटीज को अल्पकालिक एएसएम ढांचे से हटा दिया.


हिंडनबर्ग रिसर्च की र‍िपोर्ट खार‍िज की
बीएसई और एनएसई ने 24 मई को अडानी एंटरप्राइजेज को अल्पकालिक अतिरिक्त निगरानी उपाय (ASM) ढांचे के तहत रखा. आपको बता दें हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से इसी साल 24 जनवरी को अडानी ग्रुप के खिलाफ धोखाधड़ी और शेयर के मूल्‍य में हेरफेर का आरोप लगाकर एक र‍िपोर्ट जारी की गई थी. इसके बाद ग्रुप के शेयरों में भारी ग‍िरावट दर्ज की गई थी. अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए क‍िसी भी प्रकार की हेरा फेरी से साफ इनकार कर द‍िया था.


सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई सम‍ित‍ि को ग्रुप की कंपनियों में शेयर की कीमत में क‍िसी भी हेरफेर का सबूत नहीं म‍िला. दूसरी तरफ हाल ही में अडानी ग्रुप की तरफ से जारी बयान में कहा गया क‍ि उसने अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट के बाद बाजार का भरोसा जीतने की कोश‍िश में पूर्व भुगतान कार्यक्रम को पूरा करने के लिए 2.65 बिलियन डॉलर का लोन चुकाया है.


क्‍या है सर्किट लिमिट
सर्किट लिमिट यानी प्राइस बैंड, एक्सचेंज की तरफ से सेट क‍िया गया एक सुरक्षा उपाय है. जब बहुत ही कम समय में स्टॉक के प्राइस तेजी से बढ़ते हैं तो उसको रोकने के लिए यह काम आती हैं.