How to Become A Counsellor: आजकल के युवाओं के सामने ढेरों करियर विकल्प मौजूद है. पहले की तरह नहीं की 12वीं के बाद आर्ट, कॉमर्स या साइंस से ग्रेजुएशन कर लिया और बस हो गया. ऐसे में 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद आगे किस क्षेत्र में करियर बनाया जाए यह सोचकर ही युवा बहुत कंफ्यूज हो जाते हैं. अगर आपके सामने भी ऐसी ही कोई उलझन हैं तो आप अपनी हॉबी को प्रायरिटी पर रखकर इस उलझन को दूर कर सकते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसके लिए सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि आपमें कौन सा हुनर छिपा है, जिससे आप अच्छी खासी कमाई कर सके. अगर आप लोगों की समस्याओं को सुनकर उन्हें दूर करने में रुचि रखते हैं तो आपके लिए एक बेस्ट करियर ऑप्शन हैं. आइए जानते हैं क्या है ये...


अगर आप एक अच्छे लिसनर हैं तो काउंसलर के रूप में आप शानदार करियर बना सकते हैं. काउंसलर का एटिट्यूड प्रॉब्लम सॉल्विंग वाला होता है. इस प्रोफेशन की सबसे बड़ी खासियत होती है कि आप लोगों की परेशानियों को गंभीरता से सुनें और उसका कोई हल निकालें. आगे आने वाले समय में इस फील्ड के एक्सपर्ट की डिमांड बहुत बढ़ने वाली है. आप स्कूल, कॉलेज, हेल्थ केयर सेंटर आदि में काउंसलर के तौर पर नौकरी हासिल कर सकते हैं. 


काउंसलर जॉब प्रोफाइल
काउंसलर के तौर पर आप कई क्षेत्रों में काम कर सकते हैं. इनमें हेल्थ, एजुकेशनल, करियर, फैमिली या रिलेशनशिप काउंसलर बनकर लोगों की मेंटल हेल्थ वेलनेस पर काम कर सकते हैं. इसके लिए आपको अलग-अलग कोर्सेस करना होगा. वहीं, किसी एक विषय में स्पेशलाइजेशन आपको कोर्स के आखिर में सिलेक्ट करना होगा. 


जानें क्या है काउंसलर के काम करने का तरीका
काउंसलर को कोर्स के दौरान ही ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है कि वह क्लाइंट की बातों को बड़े धैर्य और शांति के साथ सुन सके. 
लोगों की मेंटल हेल्थ और वेलनेस तंदुरुस्त करने के लिए काम करते हैं. 
काउंसलर अपने क्लाइंट्स को उनके गोल डिफाइन करने में हेल्प करने के साथ ही एक्शन प्लान कराते हैं. 
लोगों को जिन रास्तों पर चलने में परेशानी हो रही होती है उनकी उलझनें सुलझाते हैं. 
काउंसलर अपने क्लाइंट की किसी भी स्तर और क्षेत्र की समस्या को सॉल्व करने में मदद करते हैं.


काउंसलर बनने के लिए योग्यता
अगर आप एस ए काउंसलर अपना करियर बनाना चाहते हैं को 12वीं के बाद भी आप इससे जुड़े कोर्स में दाखिला  ले सकते हैं, क्योंकि इसके ज्यादातर कोर्सेस के लिए न्यूनतम क्वालिफिकेशन 50 फीसदी मार्क्स के साथ 12वीं पास का सर्टिफिकेट मांगा जाता है. आजकल कई संस्थान डिप्लोमा कोर्सेस कराते हैं. 


ग्रेजुएशन
वहीं, अगर आप ग्रेजुएशन के लिए बाद भी इससे जुड़ा कोर्स करना चाहहते हैं तो इसके लिए किसी खास स्ट्रीम की जरूरत नहीं है. आप 12वीं के बाद बीए इन साइकोलॉजी या बीएससी इन साइकोलॉजी कर सकते हैं. इन डिग्री कोर्सेस में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम पास करना होता है. 


पोस्ट ग्रेजुएशन
बैचलर डिग्री कोर्सेस के बाद आप फील्ड में जाकर काम शुरू कर सकते हैं या जिस क्षेत्र में काउंसलर के रूप में आगे कंटीन्यू करना चाहते हैं, उसमें स्पेशलाइजेशन करने के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन कार्यक्रम में दाखिला लेना होगा. आप एमए इन काउंसलिंग साइकोलॉजी/साइकोलॉजी/एप्लाइड साइकोलॉजी कर सकते हैं. 


एप्सपीरियंस के साथ बढ़ती जाती है कमाई
शुरुआत में काउंसलर के तौर पर आप 3 से 5 लाख सालाना कमाई कर सकते हैं.  इस बात पर डिपेंड करता है कि आप किसी संस्थान में नौकरी कर रहे हैं या अपना खुद का काम कर रहे हैं. अनुभव होने के साथ ही यह 12 से 15 लाख तक पहुंच सकती है.