Soil Health Card Scheme: इंडियन गवर्नमेंट किसानों के आर्थिक हालात सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसके लिए सबसे जरूरी है कि किसानों को खेती में कम लागत से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा मिले. ऐसा होने पर ही उनकी स्थिति में सुधार संभव है. ऐसे में किसानों के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है. इन्हीं में से एक मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme) है. सॉयल हेल्थ कार्ड योजना में किसानों को खेत की मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर अनुकूल फसल उगाने में सहायता मिलेगी.  


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जानें मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के बारे में 
इस योजना के तहत किसानों को एक कार्ड दिया जाता है. इस कार्ड से खेत की मिट्टी किस तरह की ये जानकारी मिलती है. किसान अपनी जमीन की मिट्टी के आधार पर फसल बो सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. किसानों को उनके खेतों की क्वालिटी के मुताबिक तीन साल में एक बार मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाता है.


ऐसे बनता है सॉयल हेल्थ कार्ड
सबसे पहले अधिकारी किसान के खेत की मिट्टी के सैंपल लेते हैं.
ये सैंपल टेस्ट के लिए लैब में भेजा जाता है.
इसके बादल टीम मिट्टी के सैंपल की जांच कर उसकी गुणवत्ता के बारे में बताती है.
अगर खेत की मिट्टी में किसी पोषक तत्व की कमी होती है तो अधिकारी उसके सुधार के लिए सुझाव दिए जाते हैं.
एक रिपोर्ट बनाकर किसान के नाम के साथ ऑनलाइन अपलोड कर दी जाती है. 


ऐसे करें इसके लिए अप्लाई
सबसे पहले आप ऑफिशियल वेबसाइट soilhealth.dac.gov.in पर जाएं.
होम पेज पर लॉगिन के ऑप्शन पर क्लिक करें
अब अगले पर अपना राज्य चुनकर 'Continue' पर क्लिक करें.
लॉगिन पेज खुलने पर 'Registration New User' के ऑप्शन पर क्लिक करें.
अब फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी भरकर सबमिट कर दें.
रजिस्ट्रेशन के बाद आईडी और पासवर्ड के जरिए लॉगिन करना होगा.