Govt Scheme: यूपी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, अब बेसहारा गोवंश को आश्रय देने वाले परिवारों को मिलेगा पैसा
Cow Shelter: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंशीय पशुओं की सेवा करने वाले परिवारों को हर महीने 900 रुपये प्रति पशु देने की बात कही है. सीएम ने यह भी कहा कि गोवंशीय पशुओं के लिए दी गई धनराशि का सही इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए.
UP Govt Scheme For Cow Shelter: आपने सड़कों पर पशुओं को घूमते हुए अक्सर ही देखा होगा. आए दिन ये वाहनों से टकरा जाते हैं, जिसके कारण वाहन चालकों को तो परेशानी उठानी पड़ती है और इन पशुओं को भी गंभीर चोटें आ जाती है. इस तरह सड़कों पर घूमने वाले पशुओं में सबसे ज्यादा गायें होती हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे ही बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. यहां पढ़ें पूरी खबर...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "राज्य में कोई भी गोवंश पशु को बेसहारा नहीं रहेगा. उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी अब सरकार पूरी करेगी. उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हर गोवंश को सहारा मिले, वो छुट्टा न घूमें."
गोवंश को सहारा देने वाले परिवारों को मिलेगी इतनी राशि
मुख्यमंत्री योगी ने सभी बेसहारा गोवंश स्थलों को चारा-भूसा और अन्य चीजों पर खर्च के लिए दी जाने वाली धनराशि सीधे गो-आश्रय स्थलों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा, "गोवंशीय पशुओं की सेवा कर रहे सभी परिवारों को 900 रुपये प्रतिमाह प्रति पशु की राशि हर महीने सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाए."
सीएम ने कहा, "संभल, मथुरा, मिर्जापुर, शाहजहांपुर, संतकबीरनगर, अमरोहा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और फर्रुखाबाद में सबसे ज्यादा संख्या में इन पशुओं को संरक्षित किया गया है. चरणबद्ध रूप से सभी जिलों में इसी तरह बेसहारा गोवंश जानवरों का बेहतर प्रबंधन किया जाए."
अब तक इतने गोवंश का हुआ संरक्षण
राज्य सरकार ने बेसहारा गोवंश पशुओं के चारे-भूसे के लिए भी जरूरी इंतजाम किए हैं. उन्होंने कहा, " इस समय प्रदेश में संचालित 6719 बेसहारा गोवंश संरक्षण स्थलों में 11.33 लाख से ज्यादा गोवंश पशु रखे गए हैं. वहीं, 20 जनवरी से 31 मार्च 2023 तक संचालित विशेष अभियान के तहत 1.23 लाख ऐसे पशु संरक्षित किए गए हैं."
दाह संस्कार में गाय के गोबर का होगा इस्तेमाल
मुख्यमंत्री योगी ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए निर्देश दिए कि किसी की अंत्येष्टि में उपयोग की जाने वाली कुल जलावन में 50 फीसदी गाय के गोबर से बने उपलों का इस्तेमाल किया जाए. ये उपले बेसहारा गोवंश स्थलों से ही खरीदे जाएंगे.