Credit Card vs Forex Card: आजकल बहुत से लोग अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. इसके रिवॉर्ड प्वाइंट और कैशबैक के लालच में ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड  से ही शॉपिंग करना पसंद करते हैं. ऐसे में अब सभी बैंक भी कस्टमर्स को ढेरों फीचर और फेसिलिटी कम चार्ज या फ्री में देने लगी हैं. आज हम आपको क्रेडिट कार्ड और फॉरेक्स कॉर्ड के बीच फर्क बताएंगे. इसके बाद आपको तय करना है कि इन दोनों में से आपके लिए कौन से कार्ड का इस्तेमाल बेहतर होगा. 


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क्रेडिट कार्ड फॉरेट ट्रिप करने वालों के लिए एक बेहतर विकल्प है. इससे लाउंज एक्सेस, इंटरनेशनल शापिंग करने पर रिवॉर्ड पॉइंट से आपको सहूलियत मिलती है. हालांकि, इस पर लगने वाला फॉरेक्स मार्कअप चार्ज क्रेडिट कार्ड के सिलेक्शन को गलत साबित करता है. 


जानिए क्या है फॉरेक्स मार्कअप 
क्रेडिट कार्ड पर लगने वाला फॉरेक्स मार्कअप चार्ज इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन को और कॉस्टली बनाता है. वहीं, अगर आप इसके जरिए विदेशों में एटीएम सुविधा का इस्तेमाल करते हैं तो यह और भी महंगा पड़ता है. इस फॉरेक्स चार्ज से बचने के लिए कस्टमर्स फॉरेक्स कार्ड लेते हैं. क्योंकि फॉरेक्स कार्ड के जरिए इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन फ्री होता है.  


जानिए क्रेडिट कार्ड और फॉरेक्स कॉर्ड दोनों में अंतर


  • फॉरेक्स कार्ड से आपको विदेश में किसी भी तरह के लेन-देन पर कोई चार्ज नहीं लगता. 

  • क्रेडिट कार्ड का विदेशों में इस्तेमाल बहुत महंगा पड़ता है.

  • फॉरेन करेंसी रेट्स में हर पल उतार-चढ़ाव होने के चलते क्रेडिट कार्ड से फॉरेन करेंसी में पे करना बहुत रिस्की होता है, क्योंकि आपको मौजूदा दर के मुताबिक पेमेंट करना पड़ता है. 

  • फॉरेक्स कॉर्ड में फॉरेन करेंसी के रेट आपके कार्ड पर जमा होते ही लॉक हो जाती हैं, तो जब आप पेमेंट करते हैं, तो विदेशी मुद्रा की मौजूदा दर कोई भी हो फर्क नहीं पड़ता.

  • यात्रा में क्रेडिट कार्ड के विश्व स्तरीय फायदे देते हैं, जिसमें एयरपोर्ट लाउंज फ्री फैसिलिटी, एयरलाइन कार्यक्रमों और होटल्स के लिए कॉम्प्लीमेंट्री मेंम्बरशिप आदि शामिल हैं. 

  • फॉरेक्स कॉर्ड बहुत कम लागत पर अंतरराष्ट्रीय लेनदेन आसान करते हैं, लेकिन इन पर आपको क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं नहीं मिलती. फॉरेक्स कॉर्ड जारी करने की लागत बहुत कम होती है और इसका कोई सालाना चार्ज नहीं देना पड़ता.