Indian Economic Growth: चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) की वृद्धि दर 6-6.3 प्रतिशत रहने की संभावना जताते हुए डेलॉयट इंडिया ने कहा है कि वैश्विक अनिश्चितताएं कम होने पर अगले दो साल में इसकी वृद्धि दर सात प्रतिशत से भी अधिक रह सकती है. वित्तीय परामर्शदाता डेलॉयट इंडिया ने एक रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक अनिश्चितताएं जारी रहने के बावजूद भारत में मजबूत आर्थिक गतिविधियां जारी हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था के जुझारूपन को ध्यान में रखते हुए डेलॉयट आर्थिक परिदृश्य को लेकर आशावादी है.


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क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट कहती है कि इस वर्ष और अगले साल के लिए हमने अपनी उम्मीद जता दी है. डेलॉयट को उम्मीद है कि भारत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 में छह से 6.3 प्रतिशत रहेगी और उसके बाद इसका परिदृश्य और भी मजबूत रहेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर वैश्विक अनिश्चितताएं कम होती हैं तो अगले दो वर्षों में भारत की वृद्धि दर सात प्रतिशत से भी अधिक रह सकती है.


अर्थव्यवस्था में आई है तेजी
डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष के लिए हमारा वृद्धि अनुमान अप्रैल जैसा ही है. हालांकि, पिछले वित्त वर्ष के बेहतर नतीजों ने हमारे तुलनात्मक आधार को ऊंचा कर दिया है. अर्थव्यवस्था में तेजी को देखते हुए हमने वृद्धि अनुमान की निचली सीमा बढ़ा दी है.’’


IMF ने कितना रखा अनुमान
इसके अलावा IMF ने भी भारत की आर्थिक वृद्धि दर को 6.1 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है. यह अप्रैल में जताये गये अनुमान के मुकाबले 0.2 प्रतिशत अधिक है. आईएमएफ ने कहा कि ताजा अनुमान मजबूत घरेलू निवेश के परिणामस्वरूप 2022 की चौथी तिमाही में उम्मीद से कहीं बेहतर आर्थिक वृद्धि की गति आगे भी जारी रहने का संकेत देता है.


2024 में कम होने की है संभावना
IMF की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि वैश्विक स्तर पर वृद्धि दर 2022 के 3.5 प्रतिशत के अनुमान के मुकाबले 2023 और 2024 में कम होकर तीन प्रतिशत रहने की संभावना है. हालांकि, 2023 के लिये अनुमान इस साल अप्रैल में जताये गये अनुमान से कुछ बेहतर है लेकिन ऐतिहासिक मानदंडों के आधार पर वृद्धि दर कमजोर बनी हुई है.


रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये केंद्रीय बैंक के नीतिगत दर में वृद्धि से आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है. वैश्विक स्तर पर खुदरा मुद्रास्फीति 2022 के 8.7 प्रतिशत से घटकर 2023 में 6.8 प्रतिशत और 2024 में 5.2 प्रतिशत पर आने की संभावना है.


इनपुट - भाषा एजेंसी