P-notes investment: पी-नोट्स (P-notes) के जरिये घरेलू पूंजी बाजारों में निवेश मई के अंत में बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पांच साल का उच्चतम स्तर है. इस निवेश में भारत के इक्विटी, लोन या बॉन्ड एवं हाइब्रिड प्रतिभूतियों में किए गए पी-नोट्स निवेश का मूल्य शामिल है. SEBI ने आंकड़े जारी कर इस बारे में जानकारी दी है. 


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पी-नोट्स का क्या होता है इस्तेमाल?
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के आंकड़ों से पता चलता है कि मई लगातार तीसरा महीना रहा जब पी-नोट्स के जरिये घरेलू बाजारों में निवेश बढ़ा है. पार्टिसिपेटरी नोट्स यानी पी-नोट्स को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) उन विदेशी निवेशकों को जारी करते हैं जो भारतीय बाजारों में अपना पंजीकरण कराए बगैर यहां पर निवेश करना चाहते हैं. हालांकि, इसके लिए जांच-परख की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.


मई के आखिर तक किया 
सेबी के मुताबिक, भारतीय बाजारों में पी-नोट्स के जरिये इक्विटी, लोन और हाइब्रिड प्रतिभूतियों में किए गए निवेश का मूल्य मई के अंत में 1,04,585 करोड़ रुपये रहा जबकि अप्रैल के अंत में यह 95,911 करोड़ रुपये था. इसके पहले मार्च, 2023 में पी-नोट्स के जरिये 88,600 करोड़ रुपये और फरवरी में 88,398 करोड़ रुपये का निवेश भारत आया था.


मई का आंकड़ा पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा 
आंकड़ों के हिसाब से मई का पी-नोट्स निवेश मूल्य पिछले पांच वर्षों में सर्वाधिक है. इसके पहले मार्च, 2018 में निवेश के इस माध्यम से 1.06 लाख करोड़ रुपये आए थे.


जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
बाजार एक्सपर्ट ने कहा कि पी-नोट्स मार्ग से निवेश बढ़ना अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य में भारतीय अर्थव्यवस्था के जुझारूपन को दर्शाता है. इसके अलावा चीन में सुस्ती आने से भी विदेशी निवेशक भारत की तरफ आकर्षित हुए हैं.


इनपुट - एजेंसी भाषा