Exit Load Commission In Mutual Fund: शेयर बाजार में निवेश का सबसे आसान तरीका म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को माना जाता है. हालांकि, निवेश का यह एक जोखिम भरा विकल्प भी माना जाता है. हर म्यूचुअल फंड के साथ इन्वेस्टर्स को अपफ्रंट कमीशन (Upfront Commission) और एक्जिट लोड कमीशन (Exit Load Commission) का भुगतान करना होता है, जो कि सीधे निवेशक द्वारा लगाई गई रकम में से डिडक्ट किए जाते हैं. यहां जानिए म्यूचुअल फंड में एक्जिट लोड कमीशन क्या होता है और इससे निवेशक किस तरह से छुटकारा पा सकते हैं. 


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जानें क्या है Upfront Commission
निवेशक की ओर से किसी भी म्यूचुअल फंड में पैसा जमा करने पर भुगतान की जाने वाली फीस को अपफ्रंट कमीशन कहते हैं. इसे भारत में एंट्री लोड भी कहा जाता है. अपफ्रंट कमीशन का भुगतान एजेंट को किया जाता है. जानकारी के मुताबिक बाजार नियामक सेबी की ओर से अगस्त 2009 से अपफ्रंट कमीशन हटा दिया गया था. 


एक्जिट लोड कमीशन
एक्जिट लोड उस फीस को कहा जाता है जो म्यूचुअल फंड कंपनी द्वारा निवेशकों से ली जाती है. हालांकि, ये चार्ज सिर्फ तब ही इन्वेस्टर्स को देना होता है, जब वे तय समय से पहले रकम निकालते हैं. आपको बता दें कि एक्जिट लोड हर म्यूचुअल फंड पर नहीं लगता है. ये केवल उन म्यूचुअल फंड स्कीमों में निवेशकों से लिया जाता है, जहां पर किसी भी समय निकासी की फैसिलिटी होती है. बता दें कि किसी म्यूचुअल फंड में निवेश के साल भर के बाद इन्वेस्टर्स को एक्जिट लोड कमीशन का भुगतान नहीं करना पड़ता है. 


एक्जिट लोड कैलकुलेशन
कोई भी म्यूचुअल फंड एक्जिट लोड उस फंड की एनएवी पर आधारित होता है. म्यूचुअल फंड से निकाली गई राशि के आधार पर इसका कैलकुलेशन करते हैं. आइए जानते हैं. मान लीजिए कि किसी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टर ने 2 लाख रुपये लगाए हैं. इसका एक्जिट लोड एक प्रतिशत है. इस फंड की मौजूदा एनएवी 100 रुपये है, लिहाजा आपको फंड की 2000 यूनिट्स मिलेंगी.


वहीं, अगर आप एक्जिट करेंगे तो फंड की एनएवी 110 होगी. इस तरह यूनिट्स की कीमत (2,000*110) 2,20,000 रुपये हो चुकी है. ऐसे में एक प्रतिशत एक्जिट लोड होने के कारण 2,20,000 का एक प्रतिशत यानी 2,200 रुपये एक्जिट लोड के तौर पर देने होंगे. इस तरह आपको कुल फंड 2,17,800 रुपये मिलेगा.