Electricity in India: आज के दौर में बिजली काफी अहमियत रखती है. बिजली का इस्तेमाल प्रत्येक जगह किया जाता है. इस बीच पूर्वोत्तर क्षेत्र विद्युत समिति (एनईआरपीसी) की तकनीकी समन्वय समिति की बैठक में अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में लुमला और पड़ोसी देश भूटान के बीच 132 किलोवाट की बिजली पारेषण लाइन स्थापित करने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई.


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जलविद्युत परियोजना
भूटान में 600 मेगावाट क्षमता की खोलुंगचू जलविद्युत परियोजना स्थापित की जा रही है. इसे अरुणाचल के तवांग जिले से बिजली पारेषण लाइन से जोड़ने का प्रस्ताव है. सूत्रों के मुताबिक, इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को केंद्र सरकार के समक्ष एनईआरपीसी के जरिए अरुणाचल प्रदेश सरकार और केंद्रीय बिजली प्राधिकरण रखेंगे.


बिजली क्षेत्र का विकास 
बुधवार को तवांग में हुई समन्वय समिति की 24वीं बैठक में इस मसले पर चर्चा की गई. बैठक की अध्यक्षता अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चाउना मेन ने की. इसमें पूर्वोत्तर राज्यों में बिजली क्षेत्र के विकास से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श किया गया. एनईआरपीसी के भी चेयरमैन मेन ने अपने संबोधन में सहयोग की भावना के माध्यम से मुद्दों को हल करने की दिशा में बैठक के सफल विचार-विमर्श की सराहना की.


बिजली क्षेत्र का अत्यधिक महत्व
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बिजली क्षेत्र का अत्यधिक महत्व है. यह औद्योगिक उत्पादन में योगदान देने वाले प्रमुख उद्योगों में से एक है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, बैठक में राज्य में पासीघाट और निगलोक और पासीघाट-रोइंग-तेज़ु-नामसाई के बीच मौजूदा लाइनों की 132 किलोवाट पारेषण लाइन के दूसरे सर्किट के लिए भी तार डालने का निर्णय लिया गया. बैठक में त्रिपुरा के ऊर्जा मंत्री रतन लाल नाथ और एनईआरपीसी के सदस्य सचिव के बी जगताप के साथ अन्य मौजूद रहे. (इनपुट: भाषा)


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