PPF में निवेश पर पाना है दोगुना इंटरेस्ट, तो आजमाएं ये छोटी सी ट्रिक और पाएं शानदार मुनाफा
PPF Interest: जो निवेशक पीपीएफ में डबल इन्वेस्टमेंट पर टैक्स में छूट चाहते हैं, उनके लिए एक तरीका है. जानकार की मानें तो निवेशक अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खुलवाकर अपने दूसरे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन की जगह इसमें पैसा लगा सकते हैं.
PPF Double Interest: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड में इन्वेस्टमेंट से आपको शानदार ब्याज मिलता है. इसके साथ ही यह टैक्स सेविंग के लिए भी एक बेहतर जरिया है. इस पर सरकारी गारंटी मिलती है. सरकार द्वारा पीपीएफ में किया गया इन्वेस्टमेंट, इंटरेस्ट और मेच्योरिटी अमाउंट तीनों बिल्कुल टैक्स फ्री हैं.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) में निवेशकों को सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स में छूट जी जाती है, लेकिन एक तरीका है जिससे आप इस इन्वेस्टमेंट को बढ़ा सकते हैं और इस पर ब्याज भी दोगुना हो सकता है. यहां जानें कैसे आप अपना मुनाफा डबल कर सकते हैं.
ऐसे कर सकते हैं दोगुना निवेश
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम में इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स में छूट जी जाती है. इसका मतलब है कि टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट के लिए पीपीएफ में अधिकतम निवेश की लिमिट 1.5 लाख रुपये है. इसमें आप सालभर में 12 बार निवेश कर सकते हैं, लेकिन यहां उन निवेशकों के लिए फायदे की बात है जो शादीशुदा हैं. दरअसल, अगर शादीशुदा निवेशक अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर आप पीपीएफ अकाउंट ओपन करते हैं तो एक फाइनेंशियल ईयर में दोगुना निवेश कर कर सकते हैं. ऐसे में आपके पीपीएफ निवेश की लिमिट दोगुनी होकर 3 लाख रुपये हो जाएगी. इस तरह दोनों अकाउंट पर ब्याज का भी फायदा ले सकते हैं.
PPF में निवेश के फायदे
एक वित्त वर्ष में निवेशक पीपीएफ अकाउंट में 3 लाख रुपये जमा कर सकता है. इससे उसकी डबल सेविंग होगी.
सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको इन दोनों अकाउंट पर अलग-अलग ब्याज मिलेगा, यानी कि डबल फायदा.
किसी एक अकाउंट पर 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलेगी.
यह निवेश EEE कैटेगरी में आता है, जिसकी वजह से ब्याज और मेच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स में छूट का फायदा होगा.
यह विकल्प PPF दोगुना योगदान करने का है मौका
इनकम टैक्स के सेक्शन 64 के तहत आपकी तरफ से वाइफ को दी गई रकम या गिफ्ट से हुई आय आपकी इनकम में जुड़ेगी. जब आपके पार्टनर का पीपीएफ अकाउंट मेच्योर होगा, तब उस खाते में आपके शुरुआती निवेश से होने वाली आय को आपकी इनकम में साल दर साल जोड़ा जाएगा.