Rule of 72 Calculation: रूल ऑफ कैलकुलेशन 72 के नियम में इन्वेस्टर्स जिस भी स्कीम में पैसे लगाते हैं, उस स्कीम में सालाना जिस अनुमानित इंटरेस्ट रेट पर जितना रिटर्न मिलेगा, उसमें 72 से डिवाइड कर दें. इससे जो नंबर प्राप्त होगा वो उतने वर्ष होंगे, जितने में आपका पैसा डबल होगा.


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ऐसे समझिए Rule of 72
इसे हम आसान भाषा में समझते हैं. माना आप आप किसी फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम के तहत 1 लाख रुपये तक की धनराशि लगाते हैं. इस रकम पर आपको सालाना 8.2% की रेट से रिटर्न मिल रहा है. अब इंटरेस्ट रेट 8.2% को 72 से डिवाइड करना होगा. इस तरह इन्वेस्टर्स को अपने 1 लाख रुपये की रकम के डबल होने यानी कि 2 लाख बनने में 8.7 साल यानी 8 साल 7 महीने का समय लगेगा. 


निवेश दोगुना करने के लिए कितना रिटर्न जरूरी, ऐसे करें पता
इसे ऐसे समझिए कि अगर आपका है टारगेट अपनी एफडी में जो पैसे आपने लगाए हैं, वो अगले 7 साल में दोगुने हो जाए. ये जानने के लिए आपको 72 को 7 से भाग देना होगा. इस तरह आपको अपने इन्वेस्टमेंट पर 10% की दर से इंटरेस्ट रेट रिटर्न चाहिए होगा, जिससे आपका इन्वेस्टमेंट डबल होगा.


इन सालों में ऊपर-नीचे भी जा सकता है इंटरेस्ट रेट 
इस बात का ध्यान रखें की इन वर्षों में आपका इंटरेस्ट रेट कम या ज्यादा हो सकता है. ऐसे में आपका रिटर्न भी बढ़ और घट सकता है. ऐसे में अगर आपका पोर्टफोलियो रिटर्न 4-15% के बीच है, तो इस फॉर्मूला पर आप एक अनुमानित कैलकुलेशन निकाल सकते हैं.


इस बात का रखें ध्यान
हालांकि, आपको एकदम सटीक कैलकुलेशन नहीं मिलेगा. आप इससे केवल एक अनुमानित कैलकुलेशन हासिल कर सकेंगे. आपको एक निवेश की लागत और इससे जुड़े टैक्सेशन को ध्यान में रखना होगा.