Share Market in 2023: शेयर बाजार के निवेशकों को मिलेगी छप्परफाड़ दौलत! ब्रोकरेज हाउस का दावा सुन उछल पड़ेंगे आप
Morgan Stanley Report: मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि यदि भारत को ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल किया जाता है तो करीब 20 अरब डॉलर का फ्लो अगले 12 महीनों में आएगा.
Share Market Tips: लगातार पांचवे कारोबारी सत्र में सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में तेजी दर्ज की गई. इसी के साथ स्टॉक मार्केट लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है. 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 62,504 के नए स्तर पर पहुंच गया. वहीं, 50 अंक वाला निफ्टी भी चढ़कर 18562 के स्तर पर बंद हुआ. अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स के दिसंबर 2023 तक 80,000 अंक तक पहुंचने की उम्मीद जताई है. मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि यदि भारत को ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल किया जाता है तो करीब 20 अरब डॉलर का फ्लो अगले 12 महीनों में आएगा.
भारतीय शेयर बाजार में बढ़त का नजरिया
ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में भारत का समावेश पहले ही पीछे हो चुका है. मॉर्गन स्टेनली की तरफ से साल की शुरुआत में इसका अनुमान जताया गया था. लेकिन सितंबर में रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत का यह इंतजार लंबा हो सकता है. यूएस ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) रिधम देसाई की अगुवाई में तैयार रिपोर्ट में भारतीय शेयर बाजारों को लेकर बढ़त का नजरिया दर्शाया गया है.
तेजी के पीछे सरकारी नीतियों का अहम हाथ
रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 की तुलना में 2023 की पहली तिमाही में ग्लोबल रिस्क के कम रहने और ब्याज दरों के उच्च स्तर पर पहुंचने से भारतीय शेयर बाजारों की वास्तविक बढ़त की स्थिति बन सकती है. रिपोर्ट कहती है कि भारतीय बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है और बीते दो सालों में इसकी तेजी के पीछे सरकारी नीतियों का अहम हाथ है. जीडीपी (GDP) में कॉरपोरेट लाभ की हिस्सेदारी बढ़ने और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह पर ध्यान दिए जाने से भारत, अमेरिका की तुलना में कम संवेदनशील मौद्रिक नीति का संचालन करने की स्थिति में रहा है.
निफ्टी के लिए कोई लक्ष्य नहीं दिया गया
रिपोर्ट के अनुसार उभरते बाजारों को 2022 की तुलना में 2023 में दुनिया के तुलनात्मक रूप से अधिक सहिष्णु रहने की संभावना से लाभान्वित होने की उम्मीद है. ब्रोकरेज फर्म को 2023 के अंत तक सेंसेक्स के 68,500 अंक के स्तर तक पहुंचने की संभावना 50 प्रतिशत है. इसके लिए यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध का खत्म होना जरूरी है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अमेरिका मंदी का शिकार हुआ तो सेंसेक्स गिरकर 52,000 तक भी आ सकता है. हालांकि, इस दौरान भारत की शानदार प्रगति नए साल की पहली छमाही में थोड़ी सुस्त पड़ सकती है. इस रिपोर्ट में एनएसई के निफ्टी के लिए कोई लक्ष्य नहीं दिया गया है. (इनपुट भाषा से भी)
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