Temple Mystery in Jammu (रजत वोहरा): जम्मू को मंदिरों का शहर माना जाता है. वहां पर एक जगह ऐसी भी है, जहां न प्रार्थना होती है और न ही दुआ, फिर भी वहां पहुंचकर जो मांगा जाता है, वह पूरा होकर रहता है. आखिर उसका रहस्य क्या है.
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Baba Chamliyal Darbar Mystery in Jammu: जम्मू-कश्मीर में एक नहीं कई ऐसे तीर्थस्थल हैं, जो हिंदुओं, मुसलमानों और सिखों के लिए आस्था का केंद्र है. इन सभी पवित्र स्थानों में कई ऐसे पवित्र स्थान हैं. जहां सभी संप्रदाय के लोग एक साथ एक जगह आकर प्रार्थना और मन्नत करते हैं. आज कr हमारी इस खास पेशकश में हम आपको जम्मू कश्मीर के एक ऐसे ही पवित्र स्थान की यात्रा पर ले चलेंगे. जो हर समुदाय, हर पंथ के लोगों के लिए काफी अहम है. दरअसल भारत पाकिस्तान सीमा पर एक ऐसा पवित्र स्थान हैं. जहां लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए पहुंचते हैं. सबसे खास बात है कि इस जगह को लेकर सरहद के दोनों तरफ के लोगों की आस्था एक बराबर है.
न तो मंदिर और न ही मस्जिद
एक नजर में हिंदुओं के लिए मंदिर. तो दूसरी में मुसलमानों की दरगाह. लेकिन ना तो यहां प्रार्थना की जाती है. ना ही मन्नत मांगी जाती है. एक ऐसा स्थान जिसे लेकर हर धर्म में बराबर की आस्था है. एक ऐसा स्थान जहां की पवित्रता को लेकर हर संप्रदाय का विश्वास अटल है. मंदिरों की तरह यहां घंटी बजाई जाती है. तो वहीं दरगाह की तरह यहां चादरपोशी भी की जाती है. इस पवित्र स्थान के किसी भी हिस्से में चले जाइए....ये बता पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव है कि यहां प्रार्थना होती है या दुआ.
पूरे साल यहां इसी तरह लोगों का तांता लगा रहता है. यहां आने वाला कोई भी शख्स किसी का भक्त नहीं होता. देखने में तो ये जगह किसी धार्मिक स्थल की तरह नजर आता है...लेकिन ये आस्था का केंद्र कम...और लोगों के इलाज की जगह ज्यादा है. लेकिन ऐसा क्यों और कैसे. हम आपको एक एक सवालों का जवाब देंगे. लोगों की आस्था की वजह भी बताएंगे. समझाएंगे कि आखिर कई साल से कैसे लोग यहां गंभीर बीमारियों का इलाज कराने आते हैं. सबसे बड़ी बात कि आखिर इलाज वाले इस चमत्कारी जगह का रहस्य क्या है.
चमलियाल बाबा का 'दरबार'
सबसे पहले इस जगह के इतिहास को जानिए. इस जगह को चमलियाल बाबा का पवित्र दरबार के नाम से जाना जाता है. जो सांबा में भारत-पाक सीमा पर स्थित है. कहा जाता है कि इस पवित्र स्थल का निर्माण संत बाबा दिलीप सिंह मनहास की याद में किया गया है. बाबा जी की ख्याति और आध्यात्मिक शक्ति की वजह से लोगों के बीच उनको लेकर काफी सम्मान था. कहा जाता है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने बाबा जी की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से पाकिस्तान के सैदावाली गांव (जो वर्तमान पाकिस्तान में है) बुलाया और वहां उनकी हत्या कर दी. कहते हैं कि बाबा जी का सिर सैदावाली गांव में गिरा, लेकिन उनकी पवित्र देह चमलियाल स्थान में गिरा जिसे आज चमलियाल बाबा का पवित्र दरबार के रूप में जाना जाता है.
शायद इसी वजह से सरहद के दोनों तरफ इस पवित्र स्थान को लेकर बराबर की आस्था है....यहां आने वाले लोगों के लिए सभी इंतजाम किए जाते हैं. यहां पर खाने पीने का सब इंतजाम मुफ्त है. कहते हैं कि यहां पर 21 दिनों में किसी भी चर्म रोग से छुटकारा मिल जाता है. बावजूद इसके लोगों पर पवित्र स्थान छोड़ने का कोई दवाब नहीं बनाया जाता.
भारतीय सेना और BSF के जवान भी टेकते हैं माथा
केवल आम नागरिक ही नहीं बल्कि भारतीय सेना और BSF के जवान भी यहां मत्था टेकने जरूर आते हैं. आम नागरिकों को एक तरफ जहां चरम रोग से मुक्ति मिलती है. वहीं कहा ये भी जाता है कि इस पवित्र स्थान पर मांगी गई हर मन्नत, हर दुआ जरूर कबूल होती है.
बाबा चमलियाल की आध्यात्मिक शक्ति और उनके दरबार में होने वाले चर्म रोग के चमत्कारी इलाज के बहुत से रहस्यमयी किस्से हैं...दावा किया जाता है कि कई ऐसे लोग, जो डॉक्टरों से निराश हो चुके थे, चमड़ी के रोग से परेशान हो चुके थे...वो बाबा के दरबार में आकर चुटकियों में ठीक हो गए. कहा जाता है कि बाबा जी का दरबार एक अजीब शक्ति से भरा हुआ है, जहां आकर हर धर्म के लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हर साल जून के चौथे गुरुवार को यहां भव्य मेला लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने आते हैं.
मिट्टी-पानी लगाने से दूर हो जाते हैं त्वचा रोग!
बाबा जी की आध्यात्मिक शक्ति का एक और उदाहरण उनके एक भक्त के साथ जुड़ा है. कहा जाता है कि बाबा जी ने एक भक्त को सपने में दर्शन दिए और उसे अपने शरीर पर शक्कर यानी मिट्टी और शरबत यानी पानी लगाने के लिए कहा...भक्त ने बाबा जी की बात मानी और कुछ दिनों में उसकी त्वचा का रोग पूरी तरह ठीक हो गया. तभी से ये मान्यता बन गई कि जो भी श्रद्धालु यहां त्वचा संबंधी रोगों के इलाज के लिए आता है..उसे शक्कर और शरबत के इस्तेमाल से राहत मिलती है.
दरबार में मिट्टी और पानी लगाने के लिए बकायदा जगह बनी हुई है. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि मिट्टी लेने से पहले कुछ नियम कानून हैं उनका भी पालन करना पड़ता है. श्रद्धालु 11 दिन से लेकर 41 दिन तक इस शक्कर और शरबत के लेप को अपने शरीर में लगते हैं...बाबा के दरबार में पहुंचे चर्म रोग से ग्रसित लोगों ने बताया कि वो लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे थे...कई डॉक्टरों को दिखाया, हजारों रुपए की दवाई भी ली, कोई असर नहीं हुआ...लेकिन बाबा के दरबार की चमत्कारी मिट्टी से उनका रोग ठीक हो गया.
लाखों श्रद्धालु करते हैं बाबा के दर्शन
अस्पताल और डॉक्टर के इलाज से हारे चर्मरोग के मरीज बाबा के दरबार में मिट्टी लगाकर कहीं बैठे हुए तो कहीं घूमते हुए दिख जाएंगे...बाबा के दरबार में आए लोगों ने बताया कि मिट्टी लगाने से उनकी स्किन डिजीज ठीक हुई है. कहा जाता है कि जो भी यहां श्रद्धा और आस्था के साथ आता है...उसके सभी रोग दूर होते हैं और सारी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं.
बाबा चमलियाल का दरबार धार्मिक सद्भाव और एकता का भी प्रतीक है, क्योंकि यहां हर धर्म और हर समुदाय के लोग आकर मत्था टेकते हैं. बाबा जी के प्रति आस्था का ये सिलसिला सदियों से चला आ रहा है...और आज भी दोनों देशों के श्रद्धालु इस पवित्र स्थल से जुड़ाव महसूस करते हैं. यहां हर साल जून के चौथे गुरुवार को भव्य मेला आयोजित किया जाता है...मेले में देश विदेश से लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने पहुंचते हैं.
जम्मू कश्मीर का एक एक हिस्सा अपने आप में एक एहसास है. लेकिन आजादी के बाद से अब तक पाकिस्तान की इसपर नापाक नजर है. जो बदकिस्मती से हमारा पड़ोसी है. बाबा चमलियाल के दरबार में लगने वाले मेले में 2018 तक ना सिर्फ भारत से...बल्कि पाकिस्तान से भी श्रद्धालु शामिल होने के लिए पहुंचते थे. पाकिस्तानी श्रद्धालु बाबा जी के दरबार के लिए चादर भेंट करते थे, जिसे सीमा पर बीएसएफ के जवान सम्मानपूर्वक स्वीकार करते थे.
पाकिस्तान ने कर दी कायराना हरकत
बाबा के दरबार में पाकिस्तान से आने वाली चादर की प्रथा तब बदली जब पाकिस्तान ने 2018 में जून वाला मेला शुरू होने से एक हफ्ते पहले एक कायराना हरकत को अंजाम दिया. पाकिस्तान ने बीएसएफ के अधिकारी समेत चार जवानों को शहीद कर दिया था, उसके बाद से भारत ने पाकिस्तान से आने वाली चादर और भारत से पाकिस्तान जाने वाली शक्कर और शरबत को भेजना बंद कर दिया.
बाबा चमलियाल जी की शिक्षा उनका संदेश और चमत्कार भारत और पाकिस्तान के श्रद्धालुओं के दिलों में आज भी जीवंत है. इसीलिए बाबा चमलियाल के दरबार में चर्म रोग ठीक करवाने के लिए लोगों का रेला आता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)