Term Insurance Policy: सही टर्म इंश्योरेंस खरीदना सबसे अच्छा तरीका है. अपनी फैमिली को सिक्योर करने का सबसे यह किफायती तरीका है. फिर भी टर्म प्लान से जुड़े मिथ्यों के कारण भी ऐसी स्कीम्स में पैसा लगाने से लोग बचते हैं. यहां हम आपको ऐसे ही कुथ मिथ्यों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आपको बचना चाहिए.


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इन बातों पर न दें ध्यान
1. टर्म इंश्योरेंस प्लान होते हैं महंगे 

टर्म प्लान कम प्रीमियम पर बढ़िया कवरेज ऑफर करते हैं. वहीं, प्रीमियम राशि कई फैक्टर्स पर डिपेंड करती हैं जैसे कि पॉलिसी होल्डर की उम्र, पॉलिसी की ड्यूरेशन, पॉलिसी की राशि आदि. इसके अलावा इसमें जुड़ने वाले दूसरे बेनिफिट्स भी प्रीमियम को प्रभावित कर सकते हैं.


2. इनसे नहीं मिलता कोई बेनिफिट
टर्म इंश्योरेंस के बारे में एक और बात कही जाती कि इनसे डेथ बेनेफिट कवरेज के अलावा कोई और फायदे नहीं मिलते. बता दें कि टर्म इंश्योरेंस प्लान के जरिए आप गंभीर बीमारियों या एक्सीडेंटल डेथ के लिए वैकल्पिक कवरेज हासिल कर सकते हैं. साथ ही आपको कम प्रीमियम में लंबी अवधि के लिए कवर मिलता है. 


3. टर्म इंश्योरेंस 100 साल की आयु तक लेना 
टर्म इंश्योरेंस का मकसद आपके अपनों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है, यानी जब तक आपका परिवार आप पर आश्रित है, आपको सिर्फ तब तक ही टर्म इंश्योरेंस की जरूरत है. टर्म इंश्योरेंस 65 साल या अधिकतम 75 साल तक के लिए करवाना चाहिए.


4. अगर कंपनी से मिली लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी हो तो टर्म इंश्योरेंस जरूरी नहीं 
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. कंपनी की तरफ से दिया गया जीवन बीमा पर्याप्त नहीं है. आपकी अपनी टर्म पॉलिसी होना भी जरूरी है, क्योंकि यह पॉलिसी डॉक्यूमेंट में तय ड्यूरेशन से पहले पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु को कवर करती है.


5. यह सिर्फ सीनियर सिटीजन के लिए जरूरी है
हर वो व्यक्ति जिस पर अन्य लोग आश्रित हैं, उसे अपनी असामयिक मौत की स्थिति में अपनों की फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए टर्म प्लान की जरूरत होती है. टर्म इंश्योरेंस फैमिली के हर कमाने वाले सदस्य के लिए है.