cheapest dry fruits market in India: अच्छी सेहत के लिए फल और ड्राईफ्रूट्स खाने की सलाह दी जाती है. दिल्ली-गाजियाबाद और नोएडा वाले कम दाम में इन चीजों को खरीदने के लिए सदर बाजार (Top Dry Fruit Wholesalers in Sadar Bazar) और खारीबावली (Khari baoli dry fruits and grocery) जैसी बाजारों का रुख करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में एक बाजार ऐसा भी है जहां आप सब्जी यानी महंगे आलू-प्याज के दाम में सस्ता काजू-बादाम खरीद सकते हैं. दरअसल खुदरा बाजार की तुलना में थोक मार्केट में खाने-पीने की चीजों का भाव सबसे सस्ता होता है. लेकिन क्या कोई बाजार ऐसी भी है जहां पर सैकड़ों रुपये किलो मिलने वाला महंगा क्वालिटी ड्राईफ्रूट्स औने-पौने दामों में मिल जाए. आपको ये बात भले कपोल कल्पना लग रही हो पर भारत में एक बाजार ऐसा है जहां आलू-प्याज और टमाटर के दाम में आप काजू खरीद सकते हैं. यहां बात जामताड़ा के नाला गांव की जहां करीबन 50 एकड़ जमीन पर काजू की खेती की जाती है.


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काजू के बड़े-बड़े बागान


इस जगह में काजू के बड़े-बड़े बागान भी हैं. ऐसे में इस वजह से बागान में काम करने वाले लोग भी बेहद सस्ते दाम पर सूखे मेवे बेचते हैं. यूं तो भारतीय बाजारों में काजू की कीमत लगभग 900 रुपए से 1000 रुपए प्रति किलो में है, टुकड़े वाला काजू शायद इस भाव से कुछ सस्ता मिल जाता हो लेकिन जामताडा में काजू-बादाम सड़क किनारे आसानी से लोग काजू-बादाम बेेचते हुए मिल जाएंगे. जिनकी कीमत 50 से 100 रुपए किलो होती है. वहीं  झारखंड की उपराजधानी दुमका में भी काजू की भरपूर खेती होती है. वहां से भी बंपर काजू बाजार में आ जाते हैं. 



आज मोटापा अपने आप में बीमारी बन चुका है. ऐसे में वेट लॉस यानी वजन कम करने के लिए डाइट कंट्रोल की सलाह दी जाती है. वेट बढ़ने की मेन वजह है अनहेल्दी लाइफस्टाइल. अगर आप बहुत कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो अपना वजन कम करने के लिए डाइट में काजू, बदाम और मखाना जैसे ड्राई फ्रूट्स को अपनी रोजमर्रा की डाइट में शामिल कर सकते हैं. अब ये चीजें तो बड़ी महंगी आती हैं. जिन्हें खरीद पाना सबके लिए आसान नहीं होता. ऐसे में उस बाजार के बारे में बताना जरूरी हो जाता है जहां शायद देश का सबसे सस्ता काजू मिलता है. ये वही जामताड़ा है जो सायबर फ्रॉड की वजह से बदनाम है लेकिन आपको बता दें कि यहां काजू की खेती होती है और 50 से 100 रुपये किलो के भाव पर लोग यहां इसे बेचते हैं. 


क्यों है सस्ता?


जामताड़ा में आपको आलू-प्याज और टमाटर के दाम पर काजू मिल जाएंगे. अब आप सोच रहे होंगे, ऐसा कैसे हो सकता है, लेकिन यहां इतना सस्ता काजू मिलने के पीछे के कुछ कारण हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि झारखण्ड में हर साल हजारों टन काजू की पैदावार होती है. वहीं झारखंड के संथाल परगना, पाकुड़, दुमका, सरायकेल और देवघर में भी काजू की बंपर पैदावार होती है. झारखंड की जलवायु काजू की पैदावार के लिए सबसे अच्छी है. इसलिए 1990 से यहां पर काजू की खेती हो रही है. हालांकि किसानों को उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता और यहां प्रोसेसिंग प्लांट भी नहीं है, यही वजह है यहां ग्रामीण खेती से ज्यादा मुनाफा नहीं हो पाता है.