Success Story: पूरे देश में यूपीएससी का सिविल सर्विस एग्जाम सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक माना जाता है, और उसी में चंद्रज्योति सिंह ने ब्यूरोक्रेट बनने के इच्छुक लोगों के लिए मिसाल कायम की है. फौजी परिवार से आने वाले सिंह का आईएएस बनने का सफर वाकई में कमाल का है. पूरे देश से लाखों लोग सपना देखते हैं यूपीएससी पास करने का, जो कि होनहार दिमागों और प्रेरणादायक लोगों को चुनने के लिए जानी जाती है. इस परीक्षा को पास करना आसान नहीं, कई साल तैयारी में निकल जाते हैं और बस मुट्ठी भर लोग ही इस मुश्किल रास्ते को पार कर पाते हैं. पहली कोशिश में तो कम ही लोगों का ये सपना पूरा होता है.


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बिना कोचिंग से ही मिली सफलता


रिटायर्ड कर्नल दलबीर सिंह और लेफ्टिनेंट कर्नल मीना सिंह की बेटी चंद्रज्योति सिंह उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं, जिन्होंने पहली ही कोशिश में यूपीएससी परीक्षा पास कर कमाल कर दिया. अनुशासन और प्रेरणा से भरे माहौल में पली-बढ़ी चंद्रज्योति के माता-पिता ने बचपन से ही उनमें मेहनत और लगन के मूल्य भर दिए. पढ़ाई में भी चंद्रज्योति का प्रदर्शन उतना ही कमाल का रहा. जालंधर के एपीजे स्कूल से उन्होंने दसवीं में पूरे 10 सीजीपीए हासिल किए और फिर चंडीगढ़ के भवन विद्यालय से 12वीं में 95.4% के शानदार अंकों के साथ पास हुईं. 2018 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स के साथ ग्रेजुएशन करते हुए उन्होंने 7.75 सीजीपीए भी हासिल किया.


चंद्रज्योति ने 2018 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की


ग्रेजुएशन के बाद एक साल का ब्रेक लेकर चंद्रज्योति ने 2018 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की. मेहनत की पक्की रणनीति और हार न मानने वाले जज्बे के साथ उन्होंने न सिर्फ यूपीएससी पास किया, बल्कि ऑल इंडिया रैंक 28 हासिल करके कमाल कर दिया. 22 साल की उम्र में ही चंद्रज्योति सिंह ने आईएएस ऑफिसर का गौरवशाली पद संभाला. उनकी सफलता की कहानी अब अनगिनत यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और एक अच्छी तरह से तैयार की गई रणनीति के साथ यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की जा सकती है.