Delhi Metro Token Money: इस समय दिल्ली मेट्रो की टिकट प्रक्रिया बदलाव के दौर से गुजर रही है. लंबे समय तक चल रहे टोकन को हटाकर पेपर क्यूआर कोड की प्रक्रिया अपनाई जा रही है. इसी बीच सोशल मीडिया पर दिल्ली मेट्रो के एक टोकन के दाम को लेकर चर्चा चल रही है. आइए जान लेते हैं कि दिल्ली मेट्रो के एक टोकन का दाम कितना है और इसे बनाने में कुल कितने पैसे खर्च हो जाते थे. यह भी जानते हैं कि इसे कैसे बनाया जाता है और इसे बनाने में क्या लगता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, दिल्ली मेट्रो के हवाले से कई मीडिया रिपोर्ट्स में दिल्ली मेट्रो में उपयोग आने वाले टोकन के दामों को के बारे में बताया गया है. एक मीडिया रिपोर्ट में दिल्ली मेट्रो के एक आला अधिकारी के हवाले से बताया है कि टोकन में लगने वाली चिप विदेश से खरीदे जाते हैं, लेकिन टोकन भारत में ही बनाए जाते हैं. इन दोनों का इस्तेमाल करके टोकन को टिकट प्रक्रिया में लाया जाता है.


दिल्ली मेट्रो में इस्तेमाल होने वाले टोकन पीवीसी सामग्री से बनते हैं और इस तरह ये टिकट का रूप धारण कर लेते हैं. अधिकारी ने ही बताया कि एक टोकन बनाने में लगभग 16 रुपए का खर्च आता है, जबकि नई वाली प्रक्रिया में जो पेपर इस्तेमाल किया जाता है उसकी लागत टोकन से कम है. बता दें कि दिल्ली मेट्रो ने हाल ही में अपने टिकट सिस्टम में बदलाव का ऐलान किया था और इस पर अमल भी शुरू हो गया है.


नए सिस्टम के तहत यात्री अब क्यूआर कोड बेस्ड पेपर टिकट खरीदकर दिल्ली मेट्रो में यात्रा करेंगे. मई में शुरू हुआ क्यूआर कोड बेस्ट पेपर टिकट इन दिनों यात्रियों द्वारा तेजी से खरीदा जा रहा है. इस पेपर टिकट के आते ही टोकन की बिक्री कम हो गई है. एक मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मई में 74 लाख से ज्यादा क्यूआर कोड बेस्ट पेपर टिकट खरीदे गए हैं.