Tower of Silence Parsi: मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज में रहना पसंद करता है. किसी समाज में रहने वाला व्यक्ति उसके कल्चर को फॉलो करता है. हर समाज में जन्म से लेकर मृत्यु तक अलग-अलग रस्मो रिवाज देखने को मिलते हैं. यहां अंतिम संस्कार से जुड़े कुछ अजीबोगरीब रिवाजों के बारे में बताया जा रहा है. उदाहरण के लिए हिंदू और सिख धर्म में मृत्यु के बाद दाह संस्कार की प्रक्रिया होती है. वहीं इस्लाम और ईसाई धर्म से ताल्लुक रखने वाले लोग अंतिम संस्कार के दौरान लाशों को दफना देते हैं. इससे इतर कई ऐसे अजीबोगरीब अंतिम संस्कार के तरीके हैं जिन्हें जानकर आप दंग रह जाएंगे. आपको बता दें कि पारसी समाज में मृत्यु के बाद इंसान के शव को नहीं जलाया जाता और न ही दफनाया जाता है, बल्कि लाश को खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया जाता है ताकि उसके मांस को गिद्ध, चील और कौवे नोच-नोच कर खाएं.


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बेहद अजीबोगरीब हैं यहां के रिवाज


1. पारसी समाज की तरह ही तिब्बत में रहने वाले बौद्ध समुदाय के अंतिम संस्कार का तरीका बेहद अलग है. यहां पर किसी शख्स की मृत्यु के बाद उसे ऊंची पहाड़ी पर ले जाया जाता है, जहां पर लाश को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है. इसके बाद मांस के छोटे टुकड़ों को चील-कौवे को खिलाने के लिए पहाड़ी पर फेंक दिया जाता है. इसके बाद बची हड्डियों का भी चुरा बनाकर जौ के आटे के घोल में मिलाकर चील-कौवों के लिए फेंक दिया जाता है.


2. इस अंतिम संस्कार के रिवाज के लिए तर्क दिया जाता है कि तिब्बत पर दाह संस्कार के लिए लकड़ियां इकट्ठा करना बहुत मुश्किल काम है, इसके अलावा वहां पथरीली जमीन है जिसकी वजह से लाश को दफनाना मुश्किल होता है. इसी कारण वहां के लोगों लंबे समय से चली आ रहे इस परंपरा को फॉलो करते हैं.


3. मेडागास्कर में एक बेहद अजीबोगरीब रिवाज देखने को मिलता है, जहां मौत के बाद लाश को दफनाया जाता है लेकिन बीच-बीच में उसे कब्र से निकाल कर दोबारा देखा जाता है और जब तक लाश पूरी तरह गल नहीं जाता, तब तक यह प्रक्रिया चलती रहती है. ऐसा कहा जाता है कि जब तक मृतक का शव पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता तब तक उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है.


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