Emotional Story: कभी आपने सुना है कि कोई अपने खुद के धंधे से रिटायर हो गया हो? अक्सर तो लोग सालों नौकरी करने के बाद रिटायर होते हैं,  लेकिन ये तो कुछ अलग ही मामला है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद के एक शख्स ने अपने पिता के पेशे को रिटायरमेंट देने के लिए कुछ अनोखा किया है. उन्होंने हाल ही में अपने पारिवारिक किराना स्टोर को बंद कर दिया, जिसे उन्होंने पूरे तीस साल चलाया था. चूंकि ये दुकान उनके पिताजी की विरासत थी, इसलिये उन्होंने इसे बंद करने को "रिटायरमेंट" देना बताया. वाहिद मोमिन नाम के एक शख्स ने फेसबुक पर अपने पिताजी के सफर की दिल छू लेने वाली कहानी शेयर की, जिसके शब्दों में गर्व झलक रहा था.


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पिताजी ने ली दुकान से रिटायरमेंट


बेटे ने फेसबुक पर लिखा, "आज मेरे अब्बा की किराना की दुकान से आधिकारिक तौर पर रिटायरमेंट हो गया है, हालांकि वो शायद इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे." उन्होंने बताया कि ये रिटायरमेंट उनके पिताजी के 13 साल चाय की टपरी चलाने और फिर 33 साल पहले किराए के दुकान से किराना की दुकान शुरू करने के बाद आया है. डॉक्टर वाहिद याद करते हैं कि उनकी किराना की दुकान, जो साल में सिर्फ ईद के दो दिनों को छोड़कर 365 दिन चलती थी, उन्होंने उनके परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाए रखा और उन्हें बिना किसी परेशानी के पढ़ाई करने का मौका दिया.


 



बेटे के डॉक्टर बनने का बाद लिया गया फैसला


उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, "मुझे थोड़ा दुख और थोड़ी खुशी भी हो रही है. अगर मेरे माता-पिता मुझे अच्छी शिक्षा नहीं देते तो मैं दुकान जरूर चलाता रहता और इसे आधुनिक तरीके से और भी अच्छा बना लेता." डॉक्टर वाहिद, जो अभी एक न्यूरोलॉजिस्ट हैं. उन्होंने अपने पिताजी की रिटायरमेंट के इस भावुक पल को शेयर किया. उन्होंने लिखा, "उन्हें उनका पसंदीदा काम छोड़ते देख दुख हो रहा है. उम्मीद है वो अपनी रिटायरमेंट और खाली समय का मजा लेंगे और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखेंगे, जिसे उन्होंने हमेशा हमारे लिए नजरअंदाज किया है."