शादी में हेलीकॉप्टर किराए पर लेते हैं लोग, जान लीजिए कितना खर्च होता है!
Wedding: वैसे तो इस के कुछ नियम बनाए गए हैं. लेकिन बुकिंग करने वाली कंपनियां अपने लिए कुछ न्यूनतम शर्तें भी रखती हैं. मतलब दो घंटे से कम की बुकिंग नहीं होगी और वह दूरी के हिसाब से पैसे लेंगे. इसके साथ साथ कई और चीजें भी हैं.
Helicopter Booking: आपने देखा होगा कि शादियों में लोग हमेशा यह चाहते हैं कि लीक से हटकर कुछ काम हो, ताकि जीवन भर वह चीजें यादगार बनी रहे. इसी कड़ी में पिछले काफी समय से शादियों में हेलीकॉप्टर बुक करने का भी चलन है. हेलीकॉप्टर में ही कई बार दुल्हन की विदाई होती है और दूल्हा-दुल्हन दोनों बैठ कर आते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि भारत में शादियों में बुक किए जाने वाले हेलीकॉप्टर का खर्चा कितना आता है.
दरअसल, इन दिनों भारत में शादियों का सीजन चल रहा है. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई है जिसमें हेलीकॉप्टर में बैठकर दूल्हे और दुल्हन शादी के मंडप पर पहुंचे. ठीक इसी दौरान सोशल मीडिया की एक यूजर ने यह सवाल कर लिया कि आखिर हेलीकॉप्टर के लिए कितना खर्च करना पड़ता होगा. तो आइए इसके बारे में जान लेते हैं कि भारत में शादियों के लिए इसकी बुकिंग कितने में होती है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वैसे तो इस के कुछ नियम बनाए गए हैं. लेकिन बुकिंग करने वाली कंपनियां अपने लिए कुछ न्यूनतम शर्तें भी रखती हैं. मतलब दो घंटे से कम की बुकिंग नहीं होगी और वह दूरी के हिसाब से पैसे लेंगे. इसके साथ साथ यह भी तय किया जाता है कि एक निश्चित समय के बाद किराया अधिक देना पड़ जाएगा.
कैसे होती है बुकिंग
इसके लिए किसी भी ट्रैवल एजेंसी की वेबसाइट पर जाकर इसे बुक करना होगा. कई एजेंसियां हैं जो इस तरह की सुविधा दे रही हैं. हेलीकॉप्टर का खर्चा सीट, दूरी और घंटे के हिसाब से तय होता है. आजकल जो हेलीकॉप्टर चलन में है वह पायलट समेत तीन सीटों वाला ज्यादा चल रहा है. वहीं, हेलीकॉप्टर का किराय दूरी के हिसाब से भी तय होता है. एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक दो घंटों के लिए बुक करने पर दो से ढाई लाख तक का खर्चा आता है.
इसके बाद अगर दो घंटे से ज्यादा देर तक के लिए हेलीकॉप्टर चाहिए, तो प्रति घंटे इसका चार्ज 50-60 हजार रुपए तक बढ़ता जाएगा. वहीं एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक एक एजेंसी ने यह भी अपने नियम में लिख रखा है कि अगर हेलीकॉप्टर को कहीं सुदूर गांव तक ले जाया जाएगा, तो उसका खर्चा अलग लगेगा. और अगर शादी का कार्यक्रम शहर के नजदीक होगा, तो उसका खर्चा कुछ कम लिया जाएगा. कुल मिलाकर पूरी तरह से फिक्स रेट नहीं कहा जा सकता है.