Mud House In India: भारत के दक्षिणी सिरे पर कन्याकुमारी है जो तमिलनाडु के सबसे शांत स्थानों में से एक है. कन्याकुमारी एकांत में सुकून पाने और खुद से जुड़ने के लिए एक बेहतरीन जगहों में से एक है. यदि आप कन्याकुमारी में एक अनोखे एक्सपीरियंस की तलाश कर रहे हैं, तो पोथयादी गांव में जाना चाहिए. यहां पर कुछ अलग ही नजारा देखने को मिलेगा और आप इसे देखने के बाद हैरान रह जाएंगे. यह आपको थोड़ा गांव का टच देगा और एक आश्चर्यजनक महल का लुक देगा. शहर की हलचल से दूर रहने के लिए तलाश रहे हैं तो आपके लिए यह बेहतरीन टूर होगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

घर को देखकर यकीन नहीं कर पाएंगे आप


तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी जिले के पोथयादी गांव में स्थित मुथुनंधिनी पैलेस अपनी बेजोड़ वास्तुकला के लिए मशहूर है. यह महल तमिल, वेनाड और चेट्टीनाड शैलियों के मिलकर बना हुआ है, जिसकी क्रिएटिविटी देखने लायक है. तमिलनाडु की यह समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और आपको चकित कर देगी. यह पैलेस ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों और हरियाली से घिरा हुआ है, जहां पर्यटकों की भीड़ नहीं होती है, जिससे यह एक शांत और सुकून देने वाला स्थान बन जाता है. मुथुनंधिनी पैलेस की विशेषता यह है कि यह एक विरासत वाली प्रॉपर्टी नहीं है, बल्कि एक वास्तुशिल्प है.


घर को बनाने के लिए किया गया है इन चीजों का यूज


रिपोर्ट्स के अनुसार, महल में कई स्थानों से लाई गई लगभग 100 साल पुरानी कलाकृतियां मौजूद हैं. आपको कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, मदुरै और कराईकुड़ी की प्राचीन वस्तुएं भी मिलेंगी. खास बात तो यह है कि कीचड़ वाली मिट्टी और पत्थर से बना मुथुनंदिनी पैलेस एक पर्यावरण-अनुकूल होमस्टे प्रदान करता है. इस घर को चूने, लाल मिट्टी, गाय के गोबर और पुआल जैसी सामग्रियों से बने प्लास्टर और पुरानी मिट्टी से बनी छत का यूज किया गया है. दरवाजों के लिए उपयोग की जाने वाली लकड़ी, पत्थर और मिट्टी की ईंटें सभी रीसाइकिल की जाती हैं. रंगीन, टिकाऊ और हाथ से बनाई गई अथांगुडी टाइल्स मुथुनंदिनी पैलेस की सुंदरता को बढ़ाती हैं.


इस महल में 100 से अधिक खंभे और 50 खिड़कियां हैं जो प्राकृतिक रोशनी, सूरज की किरणों और यहां तक कि हवा को भी अंदर आने देती हैं. इसमें एक बालकनी, कंक्रीट ब्लॉक, पैडॉक, यार्ड और झूला है. यह महल आम घरों से काफी अलग बनाता है.