करवा चौथ पर आपने तमाम कहानियां सुनीं और पढ़ी होंगी. हमारे पुराणों में भी पति-पत्नी के अनूठे प्रेम की तमाम कहानियां मिलती हैं. इसी में से एक सत्यवान और सावित्री की कहानी है. सावित्री के पति प्रेम के आगे यमराज भी हार गए. ऐसी ही कहानी यूपी के फर्रुखाबाद जिले में सामने आई है. 28 साल से लापता पति करवा चौथ से ठीक पहले अचानक अपने घर पहुंच गया. जिंदा पति सामने देखकर उसकी पत्नी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वह पति से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगी. पत्नी और बच्चों ने उसे मरा समझकर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया था, लेकिन 28 साल बाद सामने जिंदा पति को देखा तो पत्नी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. खुशी इतनी ज्यादा थी कि पत्नी फूट-फूटकर रोने लगी और अपने पति से लिपट गई.


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अचानक लापता हो गया था शख्स


जब गांव के निवासी नरेश गगवार अचानक लापता हो गए थे. नरेश के बच्चे उस समय काफी छोटे थे. पत्नी ने उसे तमाम रिश्तेदारियों में ढूंढा, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा. काफी खोजबीन के बाद भी जब नरेश का पता नहीं लगा तो गांव वालों ने उसे भूलकर जिंदगी जीने की सलाह दी. इस पर नरेश की पत्नी मीरा खुद बच्चों का पालन-पोषण करने लगीं. इस दौरान बच्चे बड़े हुए तो मीरा ने ही बेटी की शादी की. शादी के दौरान पैसे कम पड़ने बैंक से लोन लेना पड़ा. इसके लिए नरेश का मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी था. मीरा ने कहा, "मुझे पूरा भरोसा था कि मेरा पति एक दिन जरूर लौटकर आएगा, लेकिन रिश्तेदारों और गांव वालों के दबाव में मैंने बेटी की शादी के लिए पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया. इसके बाद बैंक से लोन लेकर बेटी की शादी की."


शख्स की पत्नी ने बताई पूरी दास्तां


नरेश की पत्नी मीरा ने कहा, “गांव में उनकी एक जमीन पर विवाद चल रहा है. वहां गांव के ही दबंग लोग कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे. इसी बीच करवा चौथ से दो दिन पहले यानी करवाचौथ को नरेश गांव पहुंचे. लंबे समय बाद गांव पहुंचे नरेश अपना घर नहीं ढूंढ पाए तो सीधे उसी खेत पर पहुंचें. जहां दबंग कब्जा करने का मन बना रहे थे. नरेश ने वहां पहुंचकर उन्हें रोकते हुए उस जमीन को अपना बताया. इसपर लोगों ने नरेश से उसका परिचय पूछा. इसके बाद मुझे सूचना दी गई.”


खेत में अचानक दिखा महिला का पति


गांव वालों ने मीरा को बताया कि एक आदमी उनकी जमीन पर अपना मालिकाना होने का दावा कर रहा है. इसपर मीरा भागकर खेत पहुंची. जहां 28 साल सामने जिंदा पति को देखकर वह फूट-फूटकर रोने लगी. मीरा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वह भावुक होकर पति से लिपट गई. गांव वालों ने यह नजारा देखा तो सब सन्न रह गए. फिर किसी तरह गांव वालों ने मीरा को संभाला.


शख्स ने बताया पूरा किस्सा


नरेश ने बताया कि वह बगैर बताए घर से निकला तो सहारनपुर में अपनी बहन के घर गया. वहां उसे लगा कि बहन कहीं उसे दोबारा घर न भेज दे, इसलिए वह वहां से भी चला गया. इसी बीच उसे एक आदमी मिला, जिसने काम दिलाने के बहाने उसे एक ठेकेदार के पास बंधुआ मजदूर बना दिया. यहां वह अभी तक बंधुआ मजदूरी कर रहा था. दो दिन पहले ठेकेदार ने जिस काम के लिए उसे रखा था. वह पूरा हो गया तो ठेकेदार ने सभी मजदूरों को छोड़ दिया. इसके बाद वह हरिद्वार के रास्ते अपने गांव पहुंचा. यहां वह अपना घर नहीं पहचान सका तो खेतों की ओर गया.


रिपोर्ट: अरुण सिंह