105 साल बाद अपने ठिकाने पर पहुंचा पत्र, अंदर लिखी हैं दो दोस्तों के बीच की दिलचस्प बातें?
100 years old letter: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ये पत्र भेजा गया था. इस दौरान किंग जॉर्ज पंचम पांच साल तक सिंहासन पर रहे थे और महारानी एलिजाबेथ का जन्म होने में एक दशक का समय बाकी था.
ब्रिटेन में प्रथम विश्व युद्ध (World War One) के समय लिखा गया एक पत्र 105 साल बाद अपने ठिकाने तक पहुंचा है. इस पत्र को पाने वाले शख्स की खुशी का ठिकाना नहीं है. वो काफी खुश और हैरान हैं कि उन्हें ये पत्र मिला है. ये पत्र 1916 में यूनाइटेड किंगडम के बाथ से भेजा गया था. इस पत्र पर किंग जॉर्ज पंचम की मुहर वाला स्टैंप लगा है. ये पत्र साल 2021 में थिएटर निर्देशक फिनले ग्लेन के लंदन के फ्लैट के लेटरबॉक्स में गिरा मिला.
ग्लेन (27) और उसकी प्रेमिका, इस पत्र को पाकर हैरानी से बौखला गए थे. उन्होंने कहा, 'हम इसे पाकर काफी हैरान थे कि यह 100 से अधिक वर्षों तक कैसे सुरक्षित रह सकता है.' CNN की रिपोर्ट के अनुसार, इस पत्र के बारे में जानकारी जुटाने के उद्देशय से एक स्थानीय ऐतिहासिक सोसाइटी में ले जाने से पहले करीब एक साल तक ये पत्र ग्लेन के घर में पड़ा रहा.
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लिखा गया था ये पत्र
स्थानीय इतिहास पत्रिका द नोरवुड रिव्यू के संपादक स्टीफन ऑक्सफोर्ड ने कहा कि रिसर्च से पता चला है कि ये पत्र एक दोस्त ने अपने दूसरे दोस्त को लिखा था. इसे प्रथम विश्व युद्ध के बीच केटी मार्श को उनकी दोस्त क्रिस्टाबेल मेनेल ने ये पत्र भेजा था, जो बाथ में छुट्टियां मना रही थीं.
केटी मार्श स्थानीय स्टैंप मैग्नेट ओसवाल्ड मार्श की पत्नी थीं, जबकि क्रिस्टाबेल मेनेल हेनरी तुक मेनेल नामक एक धनी चाय व्यापारी की बेटी थीं. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ये पत्र भेजा गया था. इस दौरान किंग जॉर्ज पंचम पांच साल तक सिंहासन पर रहे थे और महारानी एलिजाबेथ का जन्म होने में एक दशक का समय बाकी था.
ऑक्सफोर्ड ने कहा कि यह संभव है कि पत्र एक डाक छंटाई के दौरान कार्यालय में खो गया हो, जो बंद हो गया था. ग्लेन से यह पूछे जाने पर कि अगर प्रेषक या प्राप्तकर्ता के रिश्तेदार संपर्क में आते हैं तो वह क्या करेंगे? उन्होंने कहा, 'यह उनके परिवार के इतिहास का एक अद्भुत टुकड़ा है जो सामने आया है, अगर वे चाहते हैं, तो वे आ सकते हैं.'
पत्र में, मेनेल ने लिखा कि 'मैंने जो किया उसके बाद मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई और मैं यहां बहुत भारी ठंड में रह रही हूं.' ऑक्सफोर्ड ने कहा कि उनके इस पत्र में लिखी बातों से उस समय के वातावरण, स्थानीय इतिहास और नॉरवुड में रहने वाले लोगों के बारे में मिली जानकारी काफी रोमांचक है.
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