Neelakurinji flowers bloom in Tamil Nadu: तमिलनाडु में नीलगिरि की पहाड़ियों में इन दिनों असाधारण घटना देखने को मिल रही है. एक ऐसी घटना जो, हर 12 साल में केवल एक बार ही नजर आती है. यह घटना है, बेहद सुंदर नीलकुरिंजी फूलों का खिलना. आईएएस सुप्रिया साहू ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस अविस्मरणीय घटना से जुड़े फोटो और वीडियोज शेयर किए हैं. जिसके बाद लोग उस पर दिलचस्प कमेंट कर रहे हैं. दुनिया भर के प्रकृति प्रेमी और आम लोग उस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. 


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फूलों के नाम पर पड़ा नीलगिरी नाम


IAS सुप्रिया साहू ने एक्स पर तस्वीरें और एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “टोडा आदिवासी कुट्टन नीलगिरी में खिलते नीलकुरिंजी फूलों के बीच गर्व से बैठे हैं. नीलकुरिंजी के फूल 12 वर्ष के चक्र में एक बार खिलते हैं. ऐसा कहा जाता है कि नीलगिरी का नाम इन आश्चर्यजनक फूलों की ओर से प्रदान किए गए जादुई नीले रंग के कारण पड़ा है.


लुप्त प्रजाति की सूची में हुआ शामिल


बता दें कि नीलकुरिंजी स्ट्रोबिलैंथेस कुंथियाना को हाल ही में 2024 में IUCN की संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में शामिल किया गया है. इस सूची में वनस्पति की उन प्रजातियों को शामिल किया जाता है, जो धीरे- धीरे लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई हों. इसके सूची के जरिए नीलकुरिंजी के संरक्षण की जरूरत पर जोर देते हुए इसे बचाने के लिए कहा गया है. 



सोशल मीडिया पर खूब हो रही वायरल


सुप्रिया साहू की यह पोस्ट इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है. इस पोस्ट को अब तक करीब 13 सौ से ज्यादा लाइक्स और 35 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. लोग इस पोस्ट पर दिलचस्प कमेंट भी कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'दुर्लभ प्रजाति के इन फूलों को संरक्षित करने पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.' 


'ऊपरी इलाकों में खिलता है नीलकुरिंजी'


एक अन्य यूजर ने लिखा कि क्लाइमेट चेंज का असर इन फूलों के खिलने के चक्र को भी प्रभावित कर सकता है. इस बारे में शोध होना चाहिए और नई जानकारी हासिल की जानी चाहिए. एक यूजर ने सुप्रिया साहू से पूछा कि इन फूलों को देखने के लिए नीलगिरी के कौन से क्षेत्र बेहतर हैं तो साहू ने जवाब दिया कि यह ज्यादातर ऊपरी इलाकों में खिलता है.