Special about Om Parvat: हिंदू धर्म में भगवान शिव को सबसे बड़ा तपस्वी माना गया है. उनकी पूजा करने वालों की तादाद असंख्य हैं. भारत ही नहीं, विदेश भी में उनके भक्‍त आपको आसानी से देखने को मिल जाएंगे. हिंदू धर्म की मान्यताओं और पुराणों के मुताबिक, भोले बाबा हिमालय के कैलाश मानसरोवर पर निवास करते थे, लेकिन वहां भी ओम पर्वत को एक विशेष स्थान माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान शिव का अस्तित्व रहा होगा. आपको बता दें कि ये आकृति आज भी आपको भारत और तिब्बत की सीमा पर देखने को मिल जाएगी. यहां हर साल बर्फ से ओम की आकृति बन जाती है. आइए जानते हैं इस जगह के बारे में. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नास्तिक भी नतमस्तक हो जाए 


तिब्बत, नेपाल और भारत की सीमाएं जहां मिलती हैं, वहां ही ओम पर्वत स्थापित है. इस पर्वत से जुड़ी कई कहानियां मौजूद हैं, हैरान करने वाली बात यह है कि ये जगह मानव द्वारा नहीं बनाई गई है, बल्कि यहां पर नेचुरल तरीके से अलग-अलग 8 आकृतियां बन हुई हैं. इस पर्वत को ईश्वर का चमत्कार कह जाता है. इस चमत्कार को देखने के बाद नास्तिक भी भगवान के आगे नतमस्तक हो जाता है. आपको बता दें कि हिमालय में ओम पर्वत को विशेष स्‍थान माना गया है. कहा जाता है कि यहां भगवान शिव का अस्तित्व रहा होगा. ये पर्वत भारत और तिब्बत की सीमा पर आज भी देखा जा सकता है, जहां हर साल बर्फ से ओम की आकृति बन जाती है. 


ओम पर्वत की अद्भुत बातें


आपको बता दें कि इसे आदि कैलाश या छोटा कैलाश के नाम से भी जाना जाता है. इस पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से 6,191 मीटर यानी 20,312 फीट है. मान्‍यताओं के मुताबिक ये पर्वत कुल 8 जगह बनते हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ इसी जगह की खोज हुई है. पूरी तरीके से प्राकृतिक रूप से बने इस पर्वत पर ओम की ध्वनि उत्पन्न होती है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा पर्वत पर गिरने वाली बर्फ की वजह से भी हो सकता है. 


सूर्य आते ही चमकने लगता है ओम


जब इस पर्वत पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है, तो ओम शब्द चमकने लगता है. ये पर्वत सदियों पुराना है, लेकिन पहली बार ये पर्वत जनमानस के बीच 1981 में आया. आपको बता दें कि हिमालय पर्वत श्रृंखला में कई चोटियां ऐसी हैं, जहां देवी-देवताओं का वास माना गया है. 


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर