यह धुंधली फोटो ऐतिहासिक है! धरती से 1.6 लाख प्रकाश वर्ष दूर, दूसरी गैलेक्सी के तारे को पहली बार करीब से देखिए
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यह धुंधली फोटो ऐतिहासिक है! धरती से 1.6 लाख प्रकाश वर्ष दूर, दूसरी गैलेक्सी के तारे को पहली बार करीब से देखिए

Science News: वैज्ञानिकों ने पहली बार किसी दूसरी आकाशगंगा में मौजूद तारे का बेहद नजदीक से फोटो लिया है. यह लाल दानव तारा पृथ्‍वी से 1,60,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है.

यह धुंधली फोटो ऐतिहासिक है! धरती से 1.6 लाख प्रकाश वर्ष दूर, दूसरी गैलेक्सी के तारे को पहली बार करीब से देखिए

Science News in Hindi: आप ऊपर लगी धुंधली सी फोटो देखकर गलत मत समझ लीजिएगा. यह ब्लर इफेक्ट नहीं है, बल्कि खगोल विज्ञान के क्षेत्र की एक ऐतिहासिक तस्वीर है. यह हमारी आकाशगंगा, Milky Way से परे, दूसरी आकाशगंगा में मौजूद तारे का पहला क्लोज-अप पोट्रेट है. WOH G64 नामक यह लाल दानव तारा हमसे 1.60 लाख प्रकाश वर्ष से भी अधिक दूर है. एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है जो प्रकाश की किरण पृथ्वी के एक साल में तय करती है. यह लगभग 6 ट्रिलियन मील (9.7 ट्रिलियन किलोमीटर) के बराबर है.

सूर्य से हजारों गुना बड़ा है यह तारा

WOH G64 तारा मिल्की वे की परिक्रमा करने वाली लार्ज मैगेलैनिक क्लाउड (LMC) नामक बौनी आकाशगंगा में स्थित है. यह तारा इतना बड़ा है कि इसे कुछ सालों से 'द मॉन्स्टर' या 'द बेहेमोथ' कहा जाने लगा है. WOH G64 की त्रिज्या सूर्य की त्रिज्या से लगभग 2,000 गुना अधिक है. वैज्ञानिकों ने यूरोपियन सदर्न लैबोरेटरी (ESO) में लगे वेरी लार्ज टेलीस्कोप (VLT) की मदद से यह फोटो लिया. यह तस्वीर इतनी बड़ी है कि जूम करने पर हमें वो डीटेल्स नजर आती हैं, जो पहले कभी नहीं देखी गईं.

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चिली की एंड्रेस बेलो नेशनल यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोफिजिसिस्ट केइची ओहनाका कहते हैं, 'हमने तारे के चारों ओर एक अंडे के आकार का कोकून पाया है. हम उत्साहित हैं क्योंकि यह सुपरनोवा विस्फोट से पहले मरते हुए तारे से पदार्थ के भारी निष्कासन से संबंधित हो सकता है.'

क्यों मुश्किल होता है तारों का फोटो ले पाना?

वैज्ञानिकों के लिए हमारी अपनी 'मिल्की वे' गैलेक्सी के तारों का फोटो ले पाना ही कम मुश्‍किल नहीं. बेटेल्गेयूज नाम के लाल दानव तारे को ही लीजिए. इसकी त्रिज्या सूर्य से 764 गुना बड़ी है और यह 650 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. इतना करीब और इतना बड़ा होने के बावजूद, बेटेल्गेयूज की तस्वीरें बेहद धुंधली आती हैं. एस्ट्रोनॉमर्स को यह नहीं पता कि आखिर प्रकाश में इतना उतार-चढ़ाव क्यों आता है.

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WOH G64 आकार मे बेटेल्गेयूज से लगभग तीन गुना बड़ा है लेकिन 250 गुना अधिक दूर है. इसलिए यह हमें बेटेल्गेयूज की तुलना में काफी छोटा और मंद दिखाई देता है. बेटेल्गेयूज आकाश का सबसे चमकीला तारा है. हालिया रिसर्च के नतीजे Astronomy & Astrophysics में छपे हैं.

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