Sindh Assembly: पाकिस्तान में 'बिहारी' शब्द को लेकर विवाद उस समय उत्पन्न हुआ जब सिंध प्रांत के विधायक सैयद एजाज उल हक ने इस शब्द का अपमानजनक तरीके से उपयोग किए जाने पर विरोध किया. उन्होंने इस पर जोरदार तर्क दिया, जिससे विधानसभा के अन्य सदस्य चुप हो गए। यह घटना तीन महीने पहले हुई थी, लेकिन हाल ही में जब इसका वीडियो वायरल हुआ, तो यह फिर से चर्चा में आ गया. 'बिहारी' शब्द का इस्तेमाल पाकिस्तान में उन मुसलमानों के लिए किया जाता है जो 1947 के विभाजन के समय भारत से पाकिस्तान चले गए थे. यह शब्द अब एक पहचान बन चुका है, और जब इसका अपमान हुआ, तो विधायक ने इसे लेकर कड़ा विरोध किया.


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असेंबली में भड़के सिंध विधायक सैयद एजाज उल हक


पाकिस्तान के सिंध प्रांत की विधानसभा में कुछ नेताओं ने विधायक सैयद एजाज उल हक के बिहारी मूल का मजाक उड़ाया था, जिससे सैयद बेहद नाराज हो गए. इस अपमानजनक टिप्पणी का जवाब देते हुए उन्होंने 'बिहारी' शब्द पर एक ऐसा धारदार भाषण दिया कि पूरी असेंबली चौंक गई. उन्होंने इस शब्द को केवल एक पहचान नहीं, बल्कि एक समृद्ध इतिहास और गौरव का प्रतीक बताया, और यह स्पष्ट किया कि बिहारी समुदाय पाकिस्तान का अभिन्न हिस्सा है. 


 



विधायक सैयद एजाज उल हक क्या कहा


विधायक सैयद एजाज उल हक ने अपने साथियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, "बिहारी कोई गाली नहीं है. बिहारी वो हैं, जिनकी वजह से पाकिस्तान का वजूद आया." उन्होंने सदन में पूरी जोर से कहा, "जितना तुम्हारे पास है, उतना तो हम छोड़कर आए थे." यह बयान न केवल अपनी पहचान और इतिहास को सम्मान देने वाला था, बल्कि यह एक शक्तिशाली संदेश भी था कि बिहारी समुदाय ने पाकिस्तान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है. उनके इस भाषण ने विधानसभा में मौजूद सभी नेताओं को चुप करवा दिया और यह साबित कर दिया कि बिहारी समुदाय का योगदान पाकिस्तान के इतिहास में अनमोल है.


कराची में सबसे ज्यादा बिहारी


सैयद एजाज 2024 से सिंध असेंबली के सदस्य हैं. जबकि सिंध प्रांत की राजधानी कराची है. वहीं कराची में सबसे अधिक बिहारी मुसलमान रहते हैं. लेकिन जब असेंबली में उनका मजाक बनाकर उड़ाया गया तो वह बिफर पड़ें.