Restaurant Bill Case: हैदराबाद में एक जरा हटके वाला मामला सामने आया है. यहां जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-III ने जुबली हिल्स के एक रेस्टोरेंट को ग्राहक को 5,000 रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया है. रेस्टोरेंट ने कस्मटर को फ्री में पीने का पानी देने से इनकार कर दिया और साथ ही जबरन सर्विस चार्ज वसूल किया. सिकंदराबाद के रहने वाले शिकायतकर्ता ने बताया कि सीबीआई कॉलोनी में स्थित ITLU रेस्टोरेंट के स्टाफ ने उन्हें फ्री में रेगुलर पानी देने से इनकार कर दिया, जबकि उन्हें प्लास्टिक की चीजों से एलर्जी थी. रेस्टोरेंट में देर हो चुकी थी और आस-पास खाने का कोई और विकल्प नहीं था. मजबूरन शिकायतकर्ता को उसी रेस्टोरेंट में खाना खाना पड़ा.


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फ्री में पानी नहीं दिया तो मचा बवाल


साथ ही, उन्हें वहां की 500 मिलीलीटर की पानी की बोतल 50 रुपये में लेनी पड़ी. गौर करने वाली बात ये है कि तेलंगाना सरकार के MA&UD विभाग ने 2023 में आदेश दिया था कि GHMC के दायरे में आने वाले सभी होटल, रेस्टोरेंट और खाने के ठिकानों को फ्री में साफ पानी और बोतलबंद पानी उसकी MRP पर ही देना होगा. इसके अलावा, आयोग ने सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों का भी हवाला दिया, जिनमें इस तरह के शुल्क को गलत माना गया है.


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रेस्टोरेंट को भरना पड़ गया जुर्माना


खाने के बिल में रेस्टोरेंट ने दो खाने और एक पानी की बोतल के लिए कुल 630 रुपये लिया, जिसमें सर्विस चार्ज के 31.50 रुपये भी शामिल थे. गौर करने वाली बात ये है कि रेस्टोरेंट ने पानी की बोतल और सर्विस चार्ज पर भी 5% जीएसटी और एसजीएसटी लगाया. आयोग ने रेस्टोरेंट को 45 दिनों के अंदर (22 मार्च से गिनकर) सर्विस चार्ज और उस पर लगे जीएसटी (कुल 33 रुपये), 5,000 रुपये का हर्जाना और मुकदमेबाजी का खर्च 1,000 रुपये देने का आदेश दिया. पीने के पानी पर एक्स्ट्रा चार्ज करना महंगा पड़ सकता है. इसलिए रेस्टोरेंट मालिकों को सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए, वरना लेने के देने पड़ सकते हैं.