ऑस्ट्रेलिया में सिख ड्राइवर को कार में मिले 4 लाख रुपये, फिर किया ऐसा काम; हर कोई कर रहा सैल्यूट
Trending News: एक शख्स ने कुछ अलग ही मिसाल पेश की, वो भी ऑस्ट्रेलिया में. मेलबर्न में एक दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई है. एक सिख टैक्सी ड्राइवर चरणजीत सिंह अटवाल ने एक यात्री द्वारा छोड़े गए पैसों की बड़ी राशि वापस करके ईमानदारी का परिचय दिया.
Sikh Driver In Australia: पैसा लोगों के अंदर लालच जगा सकता है. कई बार लोग जरूरतों के लिए पैसे के पीछे भागते हैं. लेकिन क्या कभी ऐसा हुआ है कि आपको अचानक पैसे मिल जाएं, जिन्हें रखने का कोई हक न हो. ऐसे में उस इंसान का असली चरित्र सामने आता है. दिल से अगर साफ इंसान हुआ तो वह उनके पैसों को लौटा देगा, लेकिन अगर उसके मन में खोट हुआ तो पैसों को छुपा लेगा. हालांकि, एक शख्स ने कुछ अलग ही मिसाल पेश की, वो भी ऑस्ट्रेलिया में. मेलबर्न में एक दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई है. एक सिख टैक्सी ड्राइवर चरणजीत सिंह अटवाल ने एक यात्री द्वारा छोड़े गए पैसों की बड़ी राशि वापस करके ईमानदारी का परिचय दिया.
गाड़ी में मिले 4 लाख रुपये तो ड्राइवर ने किया ऐसा काम
अटवाल ने यात्री को 8,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 4.53 लाख भारतीय रुपए) लौटाए. यात्री ने अपने पैसे खो देने की सूचना दी और अटवाल ने उनसे संपर्क किया. अटवाल ने यात्री को पैसे वापस देने के लिए कोई इनाम या प्रशंसा नहीं मांगी. उन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ और सिर्फ अपना सही काम करना था. मेलबर्न शहर में टैक्सी चलाने के 30 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले चरणजीत सिंह अटवाल जरूर ही कई तरह के हालातों से गुजरे हुए होंगे और उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा होगा. लेकिन, हाल ही में हुई एक घटना ने उन्हें लोगों का खास ध्यान दिलाया और उनका सम्मान जीता.
पूरी घटना के बारे में जानने के बाद सभी कर रहे तारीफ
मेलबर्न के टैक्सी ड्राइवर चरणजीत सिंह अटवाल ने सोशल मीडिया पर एक वाकया सुनाया, जिसने सबका दिल जीत लिया. अटवाल ने बताया कि यात्रियों का सामान भूल जाना अक्सर होता है, लेकिन एक दिन तो उन्हें कुछ हैरान कर देने वाला देखने को मिला. उनकी टैक्सी की पिछली सीट पर लगभग 8,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 4.53 लाख रुपये) पड़े थे. उन्होंने बिना ज़रा सी भी लालच के उस रकम को लोकल पुलिस को लौटा दिया. उनकी इस ईमानदारी की खबर सुनकर सब उनकी तारीफ करने लगे. जब अटवाल से पूछा गया कि क्या उन्हें अपने नेक काम के लिए पुरस्कार की उम्मीद है तो उन्होंने जवाब दिया, "नहीं, मुझे पुरस्कार की जरूरत नहीं."