क्या आप जानते हैं? भारत के इस राज्य की कोई राजधानी नहीं है!
Andhra Pradesh No Capital: भारत में एक ऐसा राज्य है, जिसकी कोई राजधानी नहीं है. शायद आपको यह जानकर हैरानी हो, लेकिन यह सच है! हमारा दावा है कि ज्यादातर लोग इस सवाल का सही जवाब नहीं जानते होंगे. यह राज्य आंध्र प्रदेश है, जिसकी कोई स्थायी और आधिकारिक राजधानी नहीं है.
Andhra Pradesh No Capital: भारत एक स्वतंत्र, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य है, और इस देश की सरकारों ने हमेशा इन विशेषताओं को बनाए रखा है. इस देश से जुड़ी कुछ ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती. क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा राज्य है, जिसकी कोई राजधानी नहीं है? हमारा दावा है कि ज्यादातर लोग इस सवाल का सही जवाब नहीं जानते होंगे.
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आंध्र प्रदेश कोई स्थायी और आधिकारिक राजधानी नहीं है
भारत में एक ऐसा राज्य है, जिसकी कोई स्थायी और आधिकारिक राजधानी नहीं है, और वह राज्य आंध्र प्रदेश है साल 2014 में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के विभाजन के बाद, आंध्र प्रदेश को एक नई राजधानी की आवश्यकता महसूस हुई, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक एक स्थायी और आधिकारिक राजधानी का फैसला नहीं किया है. वर्तमान में विजयवाड़ा और अमरावती को राजधानी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन आधिकारिक रूप से कोई एक राजधानी घोषित नहीं की गई है.
हैदराबाद को 10 साल की अवधि के लिए दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी बनाया गया था
साल 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद तेलंगाना राज्य का गठन हुआ और हैदराबाद को 10 साल की अवधि के लिए दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी बनाया गया था. हालांकि, 2024 में यह अवधि समाप्त हो गई और हैदराबाद अब केवल तेलंगाना की राजधानी है. आंध्र प्रदेश के पास वर्तमान में कोई स्थायी राजधानी नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राज्य के लिए तीन राजधानियों का प्रस्ताव रखा था: विशाखापत्तनम (कार्यकारी राजधानी), अमरावती (विधायी राजधानी), और कुर्नूल (न्यायिक राजधानी). हालांकि, वर्तमान मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस योजना को बदलकर केवल अमरावती को राजधानी बनाने का निर्णय लिया है.
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नई राजधानी बनाने के लिए 60 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे
बिजनेस स्टैंडर्ड और न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2025 से अमरावती को आंध्र प्रदेश की आधिकारिक राजधानी बनाने का काम शुरू होगा. इसके लिए लगभग 60 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. 5 नवंबर को एएनआई द्वारा रिपोर्ट किया गया कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (CRDA) के साथ बैठक की थी, जिसमें यह कहा गया कि अगले तीन सालों में अमरावती को पूरी तरह से राजधानी के रूप में तैयार किया जाएगा. इस प्रक्रिया में मंत्रियों और विधायकों के बंगले, सरकारी दफ्तर, विधानसभा, और हाई कोर्ट जैसी महत्वपूर्ण इमारतें बनेंगी.