अजब-गजब विवाह: दुल्हन भूरी से शादी करने आया दूल्हा कल्लू, बारातियों ने खूब किया धूम-धड़ाका
Weird Wedding: हिन्दुस्तान की इस इकलौती शादी के कई लोग गवाह बने. इस शादी का दूल्हा कल्लू है, तो दुल्हन का नाम भूरी. इन नामों के पीछे सच्चाई यह है कि यह कुत्ते और कुतिया की शादी है.
Weird Wedding: हमीरपुर में एक अजीबोगरीब शादी हुई है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग बाराती बन कर आये. हिन्दुस्तान की इस इकलौती शादी के कई लोग गवाह बने. इस शादी का दूल्हा कल्लू है, तो दुल्हन का नाम भूरी. इन नामों के पीछे सच्चाई यह है कि यह कुत्ते और कुतिया की शादी है, जिनका रिश्ता चित्रकूट में तय हुआ था. जब दूल्हे कल्लू की बारात रवाना होने का समय आया तो दरवाजे पर दूर दराज से आये बारातियों के साथ बैंड बाजा भी था. कल्लू की बारात सुमेरपुर थाना क्षेत्र के महेश्वरी बाबा मंदिर से मौदहा कोतवाली क्षेत्र के परछ गांव के लिए शाम को निकली.
दूल्हे कल्लू की दुल्हन भूरी से हुई धूमधाम से शादी
शाम होते-होते दूल्हे के घर पर होने वाली सारी रस्में पूरी कर ली गई और दूल्हे मियां को पीले वस्त्र धारण करा कर मंदिर के दर्शन भी करा दिए गए. इस अजीबोगरीब शादी में शामिल होने के लिए और बारात में जाने के लिए दूर-दराज से बाराती भी आये, जो इस शादी के गवाह बने. कल्लू को पाल-पोस कर बड़ा करने वाले संत द्वारका दास का कहना है कि धार्मिक नगरी चित्रकूट में उनके कल्लू की शादी तय हुई थी, और वह कल्लू की बारात लेकर आए. द्वारका दास ने यह भी बताया कि यह बारात 12 घंटे वाली नहीं, बल्कि 36 घंटे बाद वधु भूरी को विदा करके लौटी.
100 से अधिक लोग इस शादी में हुए शरीक
कल्लू और भूरी की होने वाली इस अजब-गजब शादी में शामिल होने के लिए 100 से अधिक बाराती पहुंचे, जिसमें कुछ महोबा जनपद के भी थे. महोबा से आईं सोनाली और शमा सिंह ने बताया कि उनको उत्सुकता थी कि कुत्ते-कुतिया की शादी होते देखना है, इसलिए हम महोबा से यहां आये और बाराती बन कर बारात में शामिल हुए. वहीं एक बाराती लल्लू राम गुप्ता ने बताया कि प्रसिद्ध मंदिर से बारात गई, जहां वधु पक्ष के लोग आकर 1100 रुपये का तिलक किया और विधि-विधान से शादी हुई.
रिपोर्ट: रविंद्र