Russian Chaiwali: सोशल मीडिया स्टार और 'रशियन चायवाली' के नाम से प्रसिद्ध पापिया घोषल को कोलकाता के अंदुल में अपनी चाय की दुकान बंद करनी पड़ी. उनके खिलाफ लिंग आधारित भेदभाव और नैतिक पुलिसिंग के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें दुकान बंद करने का फैसला लेना पड़ा. पापिया घोषल ने चायवाली के पेशे की शुरुआत नहीं की थी. वे पहले किसी अन्य काम में लगी हुई थीं, लेकिन बाद में उन्होंने अपना सपना पूरा करने के लिए अपना व्यापार शुरू करने का फैसला किया. पापिया ने चार महीने पहले राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 16 के किनारे, अंकुरहाटी के पास एक छोटी सी चाय की दुकान खोली थी.


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दुकान से गांव का माहौल खराब


पापिया का लक्ष्य अपने खुद के व्यवसाय को शुरू करना था और यह पहल उनकी मेहनत और साहस का प्रतीक बन गई थी. हालांकि पापिया की लोकप्रियता बहुत जल्द ही विवादों में घिर गई. उन्हें आरोपों का सामना करना पड़ा कि उनकी दुकान से गांव का माहौल खराब हो रहा था. एक पोस्टर भी गांव में चिपकाया गया था, जिसमें दुकान बंद करने की धमकी दी गई थी. इसके बाद उन्हें 'गंदे चित्र' इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने के आरोप लगे, जो कथित तौर पर अप्राकृतिक तत्वों का ध्यान खींच रहे थे.


"वे लोग कौन थे, मुझे नहीं पता"


पापिया ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि वे उन लोगों को नहीं जानती हैं जिन्होंने यह धमकी दी थी, लेकिन उन्हें यह सब 'एंटी-सोशल' लोगों की कार्रवाई लगती है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला हिन्दू-मुस्लिम नहीं, बल्कि मानसिकता से जुड़ा हुआ है. पापिया ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, "वे लोग कौन थे, मुझे नहीं पता. कुछ लोग आए और नोटिस चिपकाया, जिसमें कहा गया था कि मेरी दुकान को फिर से खोलने की अनुमति नहीं है. यह बहुत दुखद था. यह एक अल्पसंख्यक-प्रधान क्षेत्र था, लेकिन मुझे लगता है कि यह हिन्दू या मुस्लिम का मामला नहीं है- यह मानसिकता की बात है."


स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और पुलिस का रवैया


पापिया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए डोमजुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. हालांकि पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया, क्योंकि दुकान राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे सरकारी जमीन पर बनी थी. पुलिस का कहना था कि इस मामले में उनका कुछ नहीं किया जा सकता है. पापिया घोषल ने कहा कि वे अपनी दुकान को फिर से खोलने की उम्मीद करती हैं. उनका मानना ​​है कि उनकी सुंदरता या कपड़े किसी के चरित्र का निर्धारण नहीं करना चाहिए. हालांकि स्थानीय प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई मदद नहीं मिली, फिर भी उन्होंने अपनी उम्मीद नहीं खोई और अपने व्यवसाय को फिर से शुरू करने का संकल्प लिया.