US Chip Export Restrictions: चीन का गुरुर तोड़ने के लिए US ने उठाया ऐसा कदम कि बिलबिला उठा ड्रैगन, दी ये धमकी
China-America Relations: चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ‘अपने विज्ञान-तकनीक आधिपत्य को बनाए रखने की जरूरत से अलग, अमेरिका चीनी कंपनियों को दुर्भावनापूर्ण रूप से रोकने और दबाने के लिए निर्यात नियंत्रण उपायों का दुरुपयोग करता है. यह अमेरिकी कंपनियों के हितों को भी प्रभावित करेगा.’
China Criticize America on Chip Export Restrictions: चीन और अमेरिका के बीच रिश्ते दिनों दिन तनावपूर्ण होते जा रहे हैं. ताइवान पर चीनी रुख और उत्तरी कोरिया को समर्थन की वजह से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं. अब इनके बीच तनाव और बढ़ गया है. दरअसल, अमेरिका ने एक दिन पहले एडवांस और हाई परफॉर्में कंप्यूटिंग चिप्स पर व्यापक निर्यात नियंत्रण की घोषणा की, जिसके बाद अब चीन ने अमेरिका की कड़ी आलोचना की है.
क्या कहा चीन ने इस फैसले पर
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ‘अपने विज्ञान-तकनीक आधिपत्य को बनाए रखने की जरूरत से अलग, अमेरिका चीनी कंपनियों को दुर्भावनापूर्ण रूप से रोकने और दबाने के लिए निर्यात नियंत्रण उपायों का दुरुपयोग करता है. यह न केवल चीनी कंपनियों के वैध अधिकारों और हितों को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि अमेरिकी कंपनियों के हितों को भी प्रभावित करेगा.’
इस वजह से लिया गया यह फैसला
WION की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने शुक्रवार को अमेरिकी मशीनरी के उपयोग से दुनिया में कहीं भी उत्पादित इस खास चिप्स से चीन को काटने के लिए निर्यात नियंत्रण को कड़ा कर दिया है. इसे बीजिंग की वैज्ञानिक और सैन्य प्रगति को रोकने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
ताइवान ने भी दिए इसे लागू करने के संकेत
एक बयान में, वाणिज्य विभाग के अधिकारी एलन एस्टेवेज ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य चीन की खुफिया और सुरक्षा सेवाओं को 'सैन्य अनुप्रयोगों के साथ संवेदनशील प्रौद्योगिकियों' को हासिल करने से रोकना है. वहीं, अमेरिका के इस प्रतिबंध के बाद पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर के केंद्र ताइवान ने भी नए अमेरिकी एक्सपोर्ट कंट्रोल को फॉलो करने का संकेत दिया है.
पहले भी अमेरिका लगा चुका है प्रतिबंध
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने चीनी कंपनियों की चिप्स की आपूर्ति को बंद करने का कदम उठाया हो. 2020 में, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने भी इस तरह का प्रतिबंध लगाया था. उन्होंने तब चीनी कंपनी हुआवेई को अमेरिकी तकनीक का उपयोग करके बनाए गए चिप्स बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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