India US exercise: उत्तराखंड में चीनी सीमा के पास भारत और अमेरिका की सेनाओं का युद्धाभ्यास होने वाला है. इस बात से चीन अब आगबबूला हो गया है. चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कथित विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि भारत और अमेरिका के बीच चीन की सीमा के पास भले ही सैन्‍य अभ्‍यास भले ही पूर्व नियोजित है लेकिन बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच खराब होते रिश्‍ते के बीच नई दिल्‍ली का इस पर जोर देना भारत और चीन रिश्‍ते को लेकर खराब संदेश देता है.


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भारत-US की प्लानिंग से बौखलाया चीन


ग्‍लोबल टाइम्‍स ने एक कथित चीनी व‍िशेषज्ञ के हवाले से चीन के जासूसी जहाज यूआन वांग 5 के श्रीलंका जाने से रोकने पर कहा, 'भारत हिंद महासागर को भारतीय महासागर के रूप में देखता है लेकिन यह संभव नहीं है.' आपको बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच अक्‍टूबर में उत्‍तराखंड में 10 हजार फुट की ऊंचाई पर औली में सैन्‍य अभ्‍यास होने वाला है. इस अभ्‍यास के दौरान दोनों ही देश अत्‍यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में जंग की ट्रेनिंग लेंगे. दरअसल चीन इस वजह से बौखलाय हुआ है क्योंकि यह इलाका चीन की सीमा से मात्र 100 किमी की दूरी पर है.


ताइवान की वजह से US का कठोर रुख


भारत और चीन के बीच यह विवाद कुछ नया नहीं है. पिछले कुछ सालों में ड्रैगन और भारत आए दिन सीमा विवाद को लेकर बयान देते रहते हैं. ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच का यह अभ्‍यास ऐसे समय पर हो रहा है जब यह विवाद काफी ज्यादा है. साथ ही ताइवान के मुद्दे पर भी अमेरिका ने चीन के प्रति कठोर रुख अपनाया हुआ है. 


जासूसी जहाज के चलते आमने-सामने


गौरतलब है कि भारत ने चीन के जासूसी जहाज के श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर डेरा डालने का भी कड़ा व‍िरोध किया है. भारत के व‍िरोध के बाद श्रीलंका ने चीन से कहा है कि वह अपने जहाज की यात्रा को फिलहाल के लिए टाल दे. हालांकि चीन की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई रिएक्शन नहीं आया है. चीन के जहाज ने इंडोनेशिया के पास अपने रास्‍ते को तो जरूर बदला है लेकिन अभी भी उसका गंतव्‍य हंबनटोटा बंदरगाह ही बना हुआ है.


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