Trade Deficit: भारत-अमेरिका भी नहीं कर पाए जो काम, इन छोटे देश ने कर दी चीन की हालत खराब
Trade Deficit and Surplus: चीन से सामान खरीदने वाले ज्यादातर देशों को ट्रेड डेफिसिट (Trade Deficit) से जूझना पड़ रहा है, लेकिन इस बीच कई देश चीन के साथ ट्रेड सरप्लस की स्थिति में हैं और ड्रैगन की नाक में दम कर दिया है.
China Trade Deficit: संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के बाद चीन (China Economy) दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है और दुनियाभर के देशों में वह लगातार अपना बिजनेस बढ़ा रहा है. चीन ने पिछले साल दुनियाभर के देशों में 3.594 ट्रिलियन डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया था और यह दुनियाभर में होने वाले एक्सपोर्ट का 16 फीसदी है. चीन लगातार एक्सपोर्ट को बढ़ा रहा है और इस वजह से भारत के अलावा अमेरिका और जापान जैसे बड़े देशों को भी चीन के साथ ट्रेड डेफिसिट (Trade Deficit) से जूझना पड़ रहा है. लेकिन, इस बीच कई देश चीन के साथ ट्रेड सरप्लस की स्थिति में हैं और ड्रैगन की नाक में दम कर दिया है.
क्या होता है ट्रेड डेफिसिट और ट्रेड सरप्लस?
चीन दुनियाभर के ज्यादातर देशों को सामान एक्सपोर्ट (China Export) करता है, जबकि उनके यहां से बहुत कम सामान को इम्पोर्ट (China Import) करता है. ऐसी स्थिति उन देशों के लिए ट्रेड डेफिसिट (Trade Deficit) कहलाती है. वहीं, अगर कोई देश चीन से कम सामान आयात करता है और ज्यादा सामान चीन को निर्यात करता है तो इसे ट्रेड सरप्लस (Trade Surplus) कहते हैं.
चीन के साथ भारत-अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट
दुनियाभर के ज्यादातर देश चीन के साथ ट्रेड डेफिसिट (Trade Deficit) का सामना कर रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के साथ भारत का ट्रेड डेफिसिट पिछले साल करीब करीब 101 करोड़ अरब डॉलर रहा, क्योंकि पिछले साल भारत ने चीन से 118 अरब डॉलर का सामान खरीदा, जबकि एक्सपोर्ट सिर्फ 17 अरब डॉलर का किया. इसी तरह अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट करीब 4.3 अरब डॉलर का रहा, क्योंकि यूएस ने पिछले साल चीन से 581 अरब डॉलर का सामान खरीदा, जबकि उसे सिर्फ 177 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया.
इन देशों ने चीन के साथ किया ट्रेड सरप्लस
हालांकि, कई छोटे देश हैं जिन्होंने चीन के नाक में दम कर दिया है और चीन के साथ वो ट्रेड सरप्लस में चल रहे हैं. चीन से कम इम्पोर्ट और ज्यादा एक्सपोर्ट करने वाले देशों में ताइवान, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, सऊदी अरब, रूस, ब्राजील, साउथ कोरिया, ओमान, इराक और चिली शामिल हैं. पिछले साल ताइवान ने चीन को 238 अरब डॉलर का सामान भेजा, जबकि सिर्फ 81 अरब डॉलर का सामान खरीदा. इस हिसाब से चीन के साथ ताइवान का ट्रेड सरप्लस करीब 157 अरब डॉलर का रहा. इसके अलावा पिछले साल ऑस्ट्रेलिया का ट्रेड सरप्लस 63 अरब डॉलर, ब्राजील का ट्रेड सरप्लस 47.6 अरब डॉलर, स्विट्जरलैंड का ट्रेड सरप्लस 42.2 अरब डॉलर, सऊदी अरब का ट्रेड सरप्लस 40.1 अरब डॉलर, रूस का ट्रेड सरप्लस 38 अरब डॉलर, साउथ कोरिया का ट्रेड सरप्लस 37 अरब डॉलर, ओमान का ट्रेड सरप्लस 32 अरब डॉलर, इराक का ट्रेड सरप्लस 25.4 अरब डॉलर और चिली का ट्रेड सरप्लस 22 अरब डॉलर रहा है.