China puts a hold on listing of Terrorist Abdul Rauf Azhar: चीन ने एक बार फिर अपना असली चेहरा दिखाते हुए भारत के खिलाफ जाकर पाकिस्तान का समर्थन किया है. दरअसल, चीन ने बुधवार को पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर की संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में नाम जुड़ने पर रोक लगा दी. भारत और अमेरिका ने अजहर को इस लिस्ट में सामिल करने का प्रस्ताव रखा था. अब्दुल रऊफ अजहर 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के अपहरण में शामिल रहा है. दोनों देशों ने 2 सप्ताह पहले उसका नाम इस सूची में जोड़ने का का प्रस्ताव रखा था. अब्दुल रऊफ अजहर मसूद अजहर का छोटा भाई है और भारत के सबसे वांछित आतंकियों में से एक है. भारत और अमेरिका के इस प्रस्ताव पर अन्य 14 सदस्य सहमत थे, सिर्फ चीन ही इस प्रस्ताव के विरोध में खड़ा हुआ. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यूएन में भारतीय राजदूत ने चीन की दोहरी नीति पर उठाए सवाल


बता दें कि इस मामले के एक दिन बाद ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मामले पर चीन की खूब खिंचाई की. संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत रुचिरा कांबोज ने कहा कि, "बिना किसी औचित्य के किसी अनुरोधों को ब्लॉक करने की प्रथा समाप्त होना चाहिए." उन्होंने कहा, "यह सबसे खेदजनक है कि दुनिया के कुछ सबसे कुख्यात आतंकवादियों से संबंधित वास्तविक और साक्ष्य-आधारित लिस्टिंग प्रस्तावों को रोक दिया जा रहा है." उन्होंने कहा कि, "दोहरे मानकों और निरंतर राजनीतिकरण ने प्रतिबंध व्यवस्था की विश्वसनीयता को सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचा दिया है.


चीन इस साल दूसरी बार पाकिस्तानी आतंकियों के समर्थन में आया


मालूम हो कि इस साल में यह दूसरी बार है जब चीन ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने पर रोक लगा दी है. इस साल की शुरुआत में चीन ने लश्कर-ए-तैयबा के दूसरे कमांडर अब्दुल रहमान मक्की की संयुक्त राष्ट्र सूची में लिस्टिंग की प्रक्रिया में रोक लगा दी थी. अब्दुल रहमान 26/11 के मास्टर माइंड हाफिज सईद का साला है और भारत में विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को कराने में शामिल रहा है.


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर