China's extreme weather conditions, weather update: बड़े बुजुर्ग कहते आए हैं कि बुरे काम का बुरा नतीजा होता है. दूसरों की जमीन हड़पने और खुद को सुपरपावर बनाने के लालच में चीन (China) ने प्रकति से खिलवाड़ करते हुए संसाधनों का इतना दोहन किया कि पूरे चीन में मानव निर्मित तबाही यानी मैन मेड डिजास्टर का खतरा मंडरा रहा है. वहीं लोगों के भूखे मरने की नौबत भी आ सकती है. दरअसल चीन में इस वक्त प्राकृतिक आपदाओं के चलते करोड़ों लोगों की जान मुसीबत में फंस गई है. कहीं भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात हैं तो कहीं पर पारा चढ़ने से भयानक गर्मी ने चीन के लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कुदरत की मार से मिट जाएगा वजूद?


न्यूज़ एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे खतरों की चेतावनी किसी और ने नहीं बल्कि खुद चीनी अधिकारियों ने जारी की है, चीन की स्पेशल टीम ने जुलाई महीने में कई प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी दी है. कुदरत से कोई नहीं जीत सकता है. अमेरिका हो या चीन जिसने भी कुदरत से खिलवाड़ किया उसे सजा भुगतनी पड़ी और आगे भी पड़ेगी. इस बीच शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक मौसम एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि देश को जुलाई में बाढ़, आंधी और प्रचंड गर्मी सहित कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है.


ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल की गर्मी चीन में बीते 60 सालों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. भारी बारिश, जानलेवा गर्मी और हाल ही में हुई ओलावृष्टि के चलते देशभर में भारी नुकसान हुआ है. 


इस आशंका से सहमे लोग


चीन में प्रकृति की इस विनाशलीला से लोगों के सामने भुखमरी जैसे हालात हो सकते हैं. चीन में मौसम की मार से फसलों के साथ-साथ पशुधन भी खतरे में पड़ गया है. चीन के शानक्सी प्रांत में, बीते दिनों 50 साल की सबसे अधिक बारिश दर्ज हुई है. मूसलाधार बारिश के दौरान कई घर और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं. हुनान प्रांत में लाखों लोगों को बाढ़ से बचाया गया था. हजारों  घर क्षतिग्रस्त हो गए थे. बाढ की विनाशलीला चीनी सोशल मीडिया की सुर्खियों में है. वहीं इस बाढ़ के साथ देश के बड़े हिस्से में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. चीन के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने बीजिंग और एक दर्जन अन्य क्षेत्रों के निवासियों को घर के अंदर रहने की चेतावनी दी है क्योंकि तापमान लगातार बढ़ रहा है.


विदेशी एजेंसियां रख रहीं नजर


मौसम विभाग का कहना है कि जल्द ही चीन ‘अल-नीनो’ का प्रभाव में आ जाएगा. जिसकी वजह से देश के दक्षिणी हिस्सों में भयंकर बाढ़ और सूखे का प्रभाव देखा जा सकता है. खासकर उत्तर-पूर्वी और उत्तरी हिस्से जो देश के शीर्ष अनाज उत्पादक है, वहां भारी बारिश, बाढ़ और ओलावृष्टि का सामना करना पड़ सकता है. चीन में अल नीनो का असर करीब 10 महीने तक रह सकता है. जो उत्तरी गोलार्ध की सर्दियों में धीरे-धीरे मजबूत होते हुए पूरे देश में अपना प्रभाव दिखाएगा.


मंदी से अर्थव्यवस्था होगी प्रभावित


कोरोना महामारी के बाद लंबे समय तक जीरो कोविड पॉलिसी से चीन में कई मोर्चों पर बुरा असर पड़ा है. रियल स्टेट और एजुकेशन जैसे सेक्टरों में मंदी के हालात है. दूसरे देशों को दिए कर्जे से भी चीन पस्त पड़ता दिख रहा है. बेकाबू होते हालातों से चीन की अर्थव्यस्था चिंता का विषय बन गई है. मौसम की चरम स्थिति से चीन में खाद्य सुरक्षा का संकट पनपने लगा है.