G-20 Summit: क्या भारत-चीन संबंधों में तनाव है शी जिनपिंग के दिल्ली न आने की वजह, चीनी विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब
Xi Jinping News: जिनपिंग ने ऐसे समय में जी-20 शिखर सम्मेलन से किनारा किया जब भारत और चीन के बीच रिश्ते एक बार फिर तल्ख हो गए. जाहिर ऐसे में जिनपिंग भारत नहीं आने को लेकर तमाम तरह अर्थ लगाए जा रहे हैं.
G-20 New Delhi Summit: दिल्ली में होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं हो रहे हैं. सोमवारको चीनी विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि उनकी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे. मंत्रालय की तरफ से जिनपिंग के शिखर सम्मेलन से दूर रहने की कोई वजह नहीं बताई गए.
जिनपिंग ने ऐसे समय में जी-20 शिखर सम्मेलन से किनारा किया जब भारत और चीन के बीच रिश्ते एक बार फिर तल्ख हो गए. जाहिर ऐसे में जिनपिंग भारत नहीं आने को लेकर तमाम तरह अर्थ लगाए जा रहे हैं. भारत ने चीनी राष्ट्रपति के शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली नहीं आने के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन अब चीन की तरफ से इस मुद्दे पर एक आधिकारिक टिप्पणी आई है.
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
मंगलवार (5 सितंबर) को साप्ताहिक ब्रीफिंग में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से पूछा गया कि क्या शी के दूर रहने का फैसला भारत और चीन के बीच तनाव को दर्शाता है. जवाब में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चीन ने G20 को ‘हमेशा बहुत महत्व दिया है’ और ‘इस वर्ष के शिखर सम्मेलन की मेजबानी में भारत’ का समर्थन किया.
माओ निंग ने कहा, ‘चीन जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने को तैयार है.’ दो एशियाई दिग्गजों के बीच संबंधों की स्थिति पर, उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘सभी स्तरों पर बातचीत और संचार के साथ, द्विपक्षीय संबंध समग्र रूप से स्थिर बने हुए हैं.’
चीनी प्रवक्ता ने सीमा विवाद पर कोई कमेंट कहे बिना आगे कहा कि बीजिंग का मानना है कि ‘चीन-भारत संबंधों का सुधार और विकास दोनों देशों और दोनों लोगों के सामान्य हित में है.’ माओ ने कहा, ‘हम चीन-भारत संबंधों के बेहतर विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.’
गलवान संघर्ष के बाद दोनों देशों के रिश्ते हुए तनावपूर्ण
जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन आमने-सामने आ गए हैं. झड़प में 20 भारतीय सैनिक और अज्ञात संख्या में चीनी सैनिक मारे गए. यह घटना 1975 के बाद पहली थी जब भारतीय और चीनी सैनिक किसी झड़प में मारे गए थे.
झड़प के बाद से, भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में कई घर्षण बिंदुओं पर गतिरोध में उलझे हुए हैं. गतिरोध को सुलझाने की कोशिश के लिए दोनों देशों ने कई दौर की बातचीत की है, लेकिन वे किसी समझौते पर पहुंचने में असमर्थ रहे हैं.
हाल फिलहाल चीन द्वारा जारी नए नक्शे ने दोनों देशों के संबंधों में और तल्खी पैदा कर दी. इस नक्शे में चीन ने कुछ ऐसे इलाकों को अपने क्षेत्र में दिखाया जिन्हें भारत अपना मानता है.